- टोल फ्री नंबर पर एक लाख 69 हजार कॉल पहुंचे, अब मरीजों के स्रोत का पता लगने में दिक्कत आ रही
दैनिक भास्कर
Mar 23, 2020, 07:36 PM IST
हेल्थ डेस्क. कोरोनावायरस के मरीजों और मौत की बढ़ती संख्या को लेकर सरकार की चिंता बढ़ गई है। यही कारण है कि स्थिति का आकलन करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन शुरू कर दिया है। आईसीएमआर के वैज्ञानिक डॉ. आर गंगा खेड़कर ने कहा कि मंगलवार तक इस संबंध में एक प्राथमिक रिपोर्ट दी जाएगी कि आने वाले समय में कोरोना मरीजों की क्या स्थिति हो सकती है। आकलन के आधार पर आगे की तैयारी की जाएगी। जांच के लिए किट से लेकर चिकित्सीय सुविधा की व्यवस्था करनी होगी।
अब संक्रमण के स्रोत का पता नहीं चल पा रहा
अभी तक भारत में जितने भी कोरोना के मरीज सामने आए थे, सभी मरीजों में बीमारी का स्रोत पता था। अब मरीजों के स्रोत का पता लगने में दिक्कत आ रही है। बहुत सारे ऐसे मरीज हैं जिनमें बीमारी के स्रोत का पता नहीं है। इसी वजह से सरकार ने उन सभी जिलों को पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया है, जहां एक भी कोरोना मरीज हो या मौत की पुष्टि हुई हो।
15 करोड़ लोग रोजाना स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट खंगालते हैं
कोरोना के बारे में जानने और खुद को अपडेट रखने के लिए करीब 15 करोड़ लोग रोज स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट को खंगाल रहे हैं। मंत्रालय की ओर से जारी टोल फ्री नंबर 1075 और 011-23978046 पर अभी तक एक लाख 69 हजार कॉल्स आए हैं, जिसमें 28 हजार कॉल्स रविवार शाम चार बजे तक आए हैं। इन नंबरों पर कोरोना संबंधी कॉलरट्यून अपडेट की जा रही है।
एक सप्ताह में कहां कितनी जांच हुई
देश |
संख्या |
भारत | 5 हजार |
फ्रांस | 10 हजार |
इंग्लैंड | 16 हजार |
अमेरिका | 26 हजार |
जर्मनी | 42 हजार |
इटली | 52 हजार |
द. कोरिया | 80 हजार |
(नोट – भारत में हर दिन 10 हजार और सप्ताह में 60 से 70 हजार सैंपल जांचने की क्षमता है।)