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अपने माता-पिता की देखभाल करना उन्हें घर पर पैसे भेजने से ज्यादा है

दैनिक भास्कर

Mar 25, 2020, 02:04 PM IST

भारतीय कामकाजी वर्ग के माता-पिता अक्सर खुद के भविष्य को खतरे में डालते हुए अपने बच्चों को सब कुछ सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करते रहते हैं। इसके साथ ही ये भी देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों को बेहतर स्कूल और कॉलेज में भेजने के लिए निरंतर कठिन परिश्रम करते हैं और कई बार अतिरिक्त/ अपने क्षमता से भी ज्यादा मेहनत कर के अपने बच्चों को खुश रखने का प्रयास करते हैं। वहीं जब बात उच्च शिक्षा की होती है, तो वो एक बेहतर शिक्षा संस्थानों और पाठ्यक्रमों के लिए और भी ज्यादा रुपयों का निवेश करते हैं। ऐसे में अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए पेरेंट्स प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से होने वाले एडमिशन के दौरान बड़ा ऋण लेने में भी संकोच नहीं करते । वहीं जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो उनकी शादी, पोते- पोतियों जैसी कई अन्य जिम्मेदारियाँ उन्हें भावनात्मक और आर्थिक रूप अपने बस में कर लेती हैं। जिसके कारण वो अपने आने वाले कल के बारे में ठीक प्रकार से विचार नहीं कर पाते। 

 

HSBC की द फ्यूचर ऑफ रिटायरमेंट रिपोर्ट के अनुसार, कामकाजी उम्र के लगभग 68% लोगों को उम्मीद है कि उनके बच्चे उनकी रिटायरमेंट की उम्र में उन्हें आर्थिक रूप से समर्थन देंगे। लेकिन वास्तव में, केवल 30% रिटायर हुए लोगों को अपने बच्चों का समर्थन मिलता है। आमतौर पर, रिटायरमेंट के समय बच्चों से समर्थन की उम्मीद करने का मुख्य कारण रिटायरमेंट की योजना की कमी के कारण होता है।

जानें कैसे भविष्य में भारत रिटायर्ड वर्ग की आबादी में एक उछाल देखने को मिलेगा

जीवन में सुरक्षा और उपलब्धि की भावना तभी महसूस होती है जब व्यक्ति एक आरामदायक और सही रिटायरमेंट के मार्ग पर होता है। लेकिन यह एहसास जल्दी तनाव में घुल सकता है – जब आपको ये पता चले कि आपके पेरेंट्स अपने रिटायरमेंट की यात्रा में खतरनाक तरीके से पीछे हैं। अक्सर ये देखा जाता है कि बच्चे अपने माता-पिता के जीवन की गुणवत्ता, लंबे उम्र तक के बीमा की कमी और एक अनियोजित रिटायरमेंट प्लानिंग की के बारे में चिंतित होते हैं। अधिकतर बच्चे अपने माता-पिता के बलिदान के बारे में पूरी तरह से अवगत होते हैं कि कैसे उनके पेरेंट्स उन्हें लंबे समय तक एक बेहतर जीवन शैली और सुरक्षित भविष्य देने के लिए निरंतर काम करते रहते हैं। 

रिटायरमेंट प्लान एक महत्वपूर्ण पहलू क्यों है?

अपेक्षा बनाम रिटायरमेंट प्लान की वास्तविक

पहले से तैयारी है सही विकल्प

 

भारतीय कामकाजी वर्ग के माता-पिता अपनी ढलती हुई उम्र के पड़ाव में धन राशि को इकट्ठा करना छोड़ देते हैं जबकि यही समय होता है जब वो अपनी कई वर्षों की मेहनत का फल भोगे। यदि आपके पास बुज़ुर्ग माता-पिता हैं जो बताए गए विवरण को फिट करते हैं, तो आप कैसे समय रहते सही कदम उठा सकते हैं? क्या वे पर्याप्त बचत कर रहे हैं? क्या वे समझदारी से निवेश कर रहे हैं? क्या उनके पास पर्याप्त स्वास्थ्य कवर है? क्या उनके दस्तावेज़ क्रम में हैं?

ऐसे में आप अपने पेरेंट्स को जो सबसे बड़ा उपहार दे सकते हैं वो है, उनकी राशि/पूंजी के पुनर्निर्माण से लेकर उनके पोर्टफोलियो को फिर से बनाने तक का जो उनके आने वाले कल में उनको मन की शांति देगा। आइए जानते हैं कि किन तरीकों से आप अपने माता-पिता को अधिक सुरक्षित भविष्य की राह पर ले जा सकते हैं।

 

आपके माता-पिता रिटायरमेंट के पड़ाव तक पहुँच चुके हैं तो योजना बनाने में उनकी मदद करें। इसके लिए सबसे पहले, उनकी वित्तीय स्थिति का पता लगाएं। उन्हें आश्वस्त करें कि आपकी एकमात्र चिंता यह है कि उनके पास आराम से रहने के लिए पर्याप्त आय होनी चाहिए। वे जिस जीवन शैली में अपना जीवन जीना चाहते हैं उसे समझें और फिर मौजूदा बचत और आय का आकलन करें। जैसे आपके माता-पिता ने विभिन्न परिस्थितियों में आपका मार्गदर्शन करने के लिए आपका हाथ पकड़ रखा है वैसे ही आप भी उन्हें समझाएं कि अब उनका हाथ पकड़ने की आपकी बारी है। ऐसे में दो बातों सुनिश्चित करना चाहिए कि रिटायरमेंट के पैसे एक प्रकार से नियमित आय और सुरक्षा है इसलिए इसका निवेश सही प्रकार से होना चाहिए। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि जितना संभव हो उससे कम ही खर्च किया जाए ।

 

मासिक आय योजनाएं: यदि आपके माता-पिता की पेंशन उनके खर्चों को कवर नहीं करती है, तो वे बैंकों और डाकघरों में  रिटायरमेंट फंड के एक हिस्से,  मासिक आय योजनाओं (एमआईएस) में निवेश कर सकते हैं। ये प्लान्स निश्चित मासिक आय की गारंटी देते हैं । पोस्ट ऑफिस (एमआईएस)  वर्तमान में 8.4% ब्याज दे रहा है।

 

हेल्थ केयर बीमा: स्वास्थ्य देखभाल की बढ़ती लागत आपके माता-पिता की पूंजी के लिए सबसे बड़ा खतरा है। ऐसे में उनके अच्छे और स्वस्थ भविष्य के लिए एक सही हेल्थ इंश्योरेंस को उनके लिए सुनिश्चित करना जरूरी है। तो जल्द ही अपने माता-पिता का जीवन अच्छे हेल्थ कवर से सुरक्षित करें क्योंकि हेल्थ इंश्योरेंस के अभाव में उनकी जमा पूंजी में तेज़ी से कमी आ सकती है। 

 

पेंशन योजनाएं: पेंशन योजनाएं एक ऐसी निवेश योजनाएं होती हैं जो आपको अपनी बचत का एक हिस्सा अपने पास कुछ समय तक  जमा करती हैं और आपको रिटायरमेंट के बाद नियमित रूप से आय प्रदान करती हैं।  HDFC  लाइफ पेंशन गारंटी प्लान एक सिंगल प्रीमियम वार्षिक प्लान है जो जीवन भर के लिए निश्चित रूप से आपको नियमित गारंटी आय प्रदान करता है।

 

वार्षिकी योजना:  वार्षिकी(एन्युटी) एक योजना है जो आपको एकमुश्त (लम सम) निवेश करने के बाद आपको जीवनभर  के लिए नियमित रूप से आय प्राप्त करने में मदद करती है। उदाहरण के लिए; HDFC  लाइफ न्यू इमीडिएट एन्युटी प्लान एक रिटायरमेंट प्लान है जो आपके रिटायरमेंट के वर्षों में नियमित आय प्रदान करता है।

 

आस्थगित (डिफर्ड) पेंशन योजना- ये पेंशन योजनाएं म्यूचुअल फंड और जीवन बीमा कंपनियों द्वारा प्रदान की जाती हैं। जीवन बीमा पेंशन योजना और म्यूचुअल फंड पेंशन योजना में, निवेश करने वाला व्यक्ति अपने काम करने वाले जीवन के दौरान नियमित निवेश करते हैं। इसमें प्लान धारक व्यक्ति अपनी पसंद के अनुसार रिटायरमेंट की आयु तक पहुंचने या पेंशन प्लान की निर्धारित उम्र तक पहुंचने पर एक नियमित आय प्राप्त करता है। 

 

 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा दी जाने वाली आस्थगित (डिफर्ड)  पेंशन पॉलिसी की एक विशिष्ट विशेषता यह है कि इसमें जीवन बीमा कवरेज प्रदान की जाती है। इसका मतलब यह है कि वे दो प्रमुख जोखिमों को कवर करते हैं: असामयिक निधन होने पर वित्तीय जोखिम से बचाव और रिटायरमेंट के समय आपकी पूंजी को बचना। इसके साथ ही  जीवन बीमा कंपनियों से आस्थगित पेंशन योजनाओं की एक अन्य खूबी यह भी है कि निश्चित आयु तक पहुंचने पर, पॉलिसीधारक इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 1961 के 10 (10 ए)  के तहत टैक्स फ्री एकमुश्त राशि के रूप में रिटायरमेंट की एक तिहाई राशि तक प्राप्त कर सकता है। उदाहरण के लिए ‘HDFC लाइफ क्लिक 2 प्रोटेक्ट’ के साथ आप सिर्फ 2000 रुपये प्रति माह के भुगतान पर आप अपनी रिटायरमेंट की योजना बना सकते हैं और टैक्स में छूट भी प्राप्त कर सकते हैं।

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