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सबसे ज्यादा खतरा दिल्ली एयरपोर्ट से आने वाले यात्रियों से, जिनमें लक्षण नहीं दिखे उन्हें पहचानने की जरूरत थी

  • इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, सख्त सोशल डिस्टेंसिंग और सेल्फ क्वारेंटाइन से  घट सकते हैं  89% केस
  • दुनिया के जिन देशों में हवाई यात्रा से कोरोना फैलने का सबसे ज्यादा खतरा भारत उनमें 17वें पायदान पर

दैनिक भास्कर

Mar 25, 2020, 08:15 PM IST

हेल्थ डेस्क. सोशल डिस्टेंसिंग से कोरोना वायरस के मामलों में कितनी कमी लाई जा सकती है, इस पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल (आईसीएमआर) रिसर्च ने अपनी बीते महीने की रिपोर्ट के आंकड़े जारी किए हैं। रिसर्च के मुताबिक, सख्ती से की गई सोशल डिस्टेंसिंग और सेल्फ क्वारेंटाइन से 89 फीसदी तक कोरोना के मामलों में कमी आ सकती है। रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, यात्रा पर प्रतिबंध और यात्रियों की देश में एंट्री होते ही जांच महामारी को रोकने में मदद मिलेगी।

मेट्रो सिटीज के एयरपोर्ट से कोरोना फैलने का खतरा

रिसर्च के मुताबिक, कोरोना के लक्षण दिखने पर यात्रियों की देश में एंट्री होते ही जांच कराई जाए तो इससे समूह में होने वाला संक्रमण 3 दिन से 3 हफ्ते तक टल सकता है। सबसे ज्यादा रिस्क दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने वाले यात्रियों से है। इसके बाद मुम्बई, कोलकाता, बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद और कोच्चि के एयरपोर्ट हैं।

जिनमें लक्षण नहीं दिखे उन्हें पहचानने की जरूरत थी

रिसर्च के मुताबिक, देश में महामारी को रोकने के लिए 75 फीसदी ऐसे लोगों को पहचानने की जरूरत थी, जिनमें लक्षण नहीं दिखाई दिखे। इसके अलावा  90 फीसदी लोगों को पहचानकर महामारी को 20 दिन तक टाला जा सकता था।

लक्ष्य कोरोना को हराने की रणनीति का पता लगाना था

यह रिसर्च फरवरी में की गई थी, जिसका लक्ष्य कोरोना को हराने की रणनीति का पता लगाना था ताकि देश में महामारी के हालात बनने पर इसे नियंत्रित किया जा सके। देश में अब तक कोरोनावायरस के 562 मामले सामने आ चुके हैं। इससे 10 लोगों की मौत हो चुकी है। एहतियात बरतते हुए देश में सभी घरेलू उड़ानों पर रोक लगाई जा चुकी है। वहीं, 31 मार्च तक सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ान भी रोक लगा दी गई।

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