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फरवरी में कोरोना से संक्रमित गंभीर स्थिति वाले मरीजों को यह दवा दी गई, चीनी डॉक्टरों का दावा, परिणाम चौकाने वाले थे
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कोरोना के संक्रमण के बाद फेफड़ों में आई सूजन को दूर करने में किया जा रहा है
दैनिक भास्कर
Mar 26, 2020, 07:39 PM IST
हेल्थ डेस्क. चीन में कोरोना वायरस से जूझ रहे मरीजों पर आर्थराइटिस की दवा ‘एक्टेमरा’ (tocilizumab) का इस्तेमाल किया जा रहा है। चीनी डॉक्टरों का दावा है कि कोरोना के 95 फीसदी मरीजों को इस दवा से ठीक किया गया है। आमतौर पर इस दवा का इस्तेमाल आर्थराइटिस में जोड़ों की सूजन दूर दूर करने में किया जाता है।
चीन में मिला अप्रूवल
रिपोर्ट में दावा किया गया है महामारी के समय यह दवा सैम्पल के तौर पर कुछ मरीजों को दी गई और एक ही दिन में मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया। बीजिंग में इसे वंडर ड्रग यानी जादुई दवा का नाम दिया गया है। चीन में कोरोना के मरीजों में सूजन के कारण फेफड़े बुरी तरह डैमेज होने पर इस दवा को देने के लिए अप्रूवल भी दिया जा चुका है।
ऐसे काम करती है दवा
यह दवा स्विस जायंट नाम की फार्मा कंपनी तैयार करती है। रूमेटॉयड आर्थराइटिस के मरीजों में एक खास किस्म का प्रोटीन बढ़ जाता है जो जोड़ों में सूजन बढ़ाता है, यह दवा शरीर में उसी प्रोटीन को कम करने का काम करती है। चीन में दवा का इस्तेमाल फरवरी में ऐेसे मरीजों पर किया जो बेहद गंभीर स्थिति में थे। चीनी डॉक्टरों का कहना है, इसके परिणाम बेहद चौकाने वाले रहे।
मरीज सांस लेने लायक बने
चीन में ट्रायल के दौरान इस दवा की मदद से ओवररिएक्टेड हुए इम्यून सिस्टम को कंट्रोल करने की कोशिश की गई। चीन के डॉ शियाओलिंग ज़ू की रिपोर्ट के मुताबिक, दवा देने के कुछ दिनों के अंदर बुखार घटा, लक्षणों में सुधार हुआ और मरीज सामान्य हुआ। ट्रायल में शामिल 20 में से 15 लोग सांस लेने के लायक बने। इनमें 19 को डिस्चार्ज भी कर दिया गया। अन्य 1 मरीज में भी रिकवरी देखी गई।
अमेरिका में ट्रायल शुरू
चीन के दो अस्पतालों में इस दवा का ट्रायल हो चुका है। अमेरिका के फेडरल ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन ने कोरोना के मरीजों पर इस दवा का ट्रायल शुरू कर दिया है। डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में अब तक न तो यह दवा किसी मरीज को दी गई है और न ही कोई ट्रायल शुरू हुआ है।