- एआई से लैस चश्मा दूर से ही जांच लेता है तापमान और चश्मे में डिस्प्ले कर देता है
- यह इंफ्रारेड कैमरा जो गर्मी से ऊर्जा की पहचान करता है, इसे एक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल में बदलता है
दैनिक भास्कर
Mar 28, 2020, 12:11 PM IST
हेल्थ डेस्क. चीन में सुरक्षा कर्मियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित इंफ्रारेड कैमरे से लैस काले चश्मे दिए गए हैं ताकि वो राह चलते लोगों के शरीर के तापमान की जांच कर सकें। इस नए उपकरण की मदद से सड़क पर चलने वाले लोगों के तापमान के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकेगा ताकि किसी भी कोरोनावायरस संदिग्ध की पहचान की जा सके।
पेट्रोलिंग के समय चश्मे का इस्तेमाल
हैंगजाउ के एक पार्क में पेट्रोलिंग अधिकारी इन चश्मों का इस्तेमाल कर रहे हैं। काले रंग के कपड़े पहने अधिकारी इन चश्मों को लगाकर होंगयुआन के सीनिक पार्क में घूमते हुए नजर आ रहे हैं।। एक अधिकारी ने मुताबिक, पहले हम पारंपरिक फोरहेड थर्मामीटर का इस्तेमाल कर रहे थे। इसके लिए लोगों को लाइन में खड़े होकर तापमान की जांच करानी पड़ती थी। इसमें काफी समय बर्बाद होता था। नई तकनीक की वजह से लोगों के शारीरिक तापमान की जांच करना काफी आसान हो गया है।
अधिक तापमान होने पर करता है अलर्ट
इंफ्रारेड कैमरे का इस्तेमाल इस चश्मे में लगे इंफ्रारेड कैमरे में आर्टिफिशियल तकनीक का इस्तेमाल किया है। ये तकनीक लोगों के तापमान की दूर से ही जांच कर लेता है और उन्हें चश्मे में डिस्प्ले कर देता है ताकि अधिकारी उन्हें तुरंत देख सकें। जैसे ही कोई ज्यादा शारीरिक तापमान वाला व्यक्ति चश्मे के सामने आता है वैसे ही उपकरण तुरंत पेट्रोलिंग अधिकारी को चेतावनी दे देता है। ये इंफ्रारेड कैमरा एक कॉन्टैक्टलेस उपकरण है जो गर्मी की ऊर्जा की पहचान करता है और इसे एक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल में बदल देता है। इन इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल से तापमान की गणना की जाती है और फिर मॉनिटर पर एक थर्मल इमेज डिस्प्ले की जाती है।
खोले जा रहे हैं पर्यटक स्थल
चीन की सरकार ने निर्देश दिए हैं कि प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों पर आने वाले पर्यटक स्थलों पर प्रवेश करने से पहले अपने शारीरिक तापमान की जांच कराएं। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए ये सावधानी बरती जा रही है। कोरोना वायरस की वजह से लम्बे समय तक चीन में सबकुछ बंद रहने के बाद पर्यटक स्थलों को खोला जा रहा है। कुछ पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों को पहले से टिकट बुक कराने को कहा जा रहा है और साथ ही उन्हें ग्रीन हेल्थ कोड देने के लिए कहा जा रहा है। ये कोड सरकार द्वारा स्वास्थ्य जांच के बाद जारी किए जा रहे हैं ताकि लोग खुद को कहीं भी वायरस से मुक्त घोषित कर सकें।
चीन में बड़े पैमाने पर एआई का इस्तेमाल
चीन में बड़े पैमाने पर कोरोनावायरस को रोकने के लिए एआई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अस्पतालों में एआई से लैस रोबोट की मदद से कोरोनावायरस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। रोबोट मरीजों तक दवाएं और खाना पहुंचाते हुए नजर आ रहे हैं। कचरे का निस्तारण और साफ -सफाई का जिम्मा भी रोबोट के हिस्से में ही है। चीनी प्रशासन फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक की मदद से कोरोनावायरस मरीजों की गतिविधियों को भी निगरानी कर रहा है।