N95 मास्क हवा में मौजूद 95 प्रतिशत कणों को रोकने में सक्षम है इसलिए इसका नाम N95 पड़ा
N95 मास्क उपलब्ध न होने पर सर्जिकल मास्क इस्तेमाल कर सकते हैं यह वायरस से 95 % बचाव करता है
दैनिक भास्कर
Mar 29, 2020, 11:25 AM IST
हेल्थ डेस्क. कोरोनावायरस से बचाव के लिए कौन सा मास्क खरीदें? यह सवाल ज्यादातर लोगों को जेहन में चलता है। हार्टकेयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट डॉ. केके अग्रवाल के मुताबिक, वायरस से बचाव के लिए N95 मास्क ही सबसे बेहतर है। मास्क जब भी खरीदें तो ध्यान रखें इसकी रेटिंग N95 ही हो। दूसरी सबसे अहम बात इसका आपके चेहरे पर फिट होना जरूरी है, अगर ऐसा नहीं है तो इसका कोई फायदा नहीं होता। फेसमास्क के कुछ और प्रकार भी हैं जो वायरस से बचाव करते हैं, जानिए कौन का मास्क कितनी सुरक्षा देता है-
N95 मास्क
यह कोरोनावायरस जैसे संक्रमण से बचाव के लिए सबसे बेहतर मास्क है। यह आसानी से मुंह और नाक पर फिट हो जाता है और बारीक कणों को भी नाक या मुंह में जाने से रोकता है। यह हवा में मौजूद 95 प्रतिशत कणों को रोकने में सक्षम है इसलिए इसका नाम N95 पड़ा है। कोरोनावायरस के कण डायमीटर में 0.12 माइक्रॉन जितने होते हैं, जिसकी वजह से यह काफी हद तक मदद करता है। यह बैक्टीरिया, धूल और परागकणों से 100 फीसदी बचाता है।
सर्जिकल मास्क
N95 मास्क उपलब्ध न होने पर यह बेहतर विकल्प है। यह वायरस से 95 फीसदी बचाव करता है। वहीं बैक्टीरिया, धूल और परागकणों से 80 फीसदी तक सुरक्षा देता है। ये ढीले फिटिंग वाले होते हैं, इसलिए जब भी इसे लगाएं अच्छे से नाक और मुंह को कवर करें।
FFP मास्क
यह मास्क तीन कैटेगरी में उपलब्ध है। FFP1, FFP2 और FFP3, इसमें FFP3 सबसे बेहतर है। यह अतिसूक्ष्म कणों से बचाता है। FFP मास्क वायरस से 95 फीसदी और बैक्टीरिया-धूल-परागकणों से 80 बचाव करता है।
एक्टिवेट कार्बन मास्क
इसका इस्तेमाल आमतौर पर गंध रोकने के लिए किया जाता है। यह वायरस से बचाव करने में नाकाफी है क्योंकि महज 10 फीसदी तक ही सुरक्षा देता है। वहीं, बैक्टीरिया, धूल और परागकणों को रोकने में 50 फीसदी ही बचाव करता है
कपड़े वाला मास्क
यह वायरस से बचाव नहीं करता। न ही विशेषज्ञ इसे लगाने की सलाह देते हैं। आमतौर पर लोग इसे घर पर ही बनाते हैं। यह बैक्टीरिया, धूल और परागकण से 50 फीसदी ही बचाव करता है। इसे एक बार इस्तेमाल करने के बाद डिस्पोज करना बेहद जरूरी है।
स्पंज मास्क
यह मास्क वायरस से बिल्कुल नहीं बचाता। बैक्टीरिया और धूल से महज 5 फीसदी ही बचाव करता है। एक्सपर्ट भी इसे लगाने की सलाह नहीं देते।