- वेई गुझियान उन 27 मरीजों में शामिल थीं, जिन्हें सबसे पहले कोरोनावायरस से संक्रमित पाया गया
- वेई ने 10 दिसंबर को सी-फूड मार्केट में झींगे बेचते वक्त पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल किया और संक्रमित हो गईं
दैनिक भास्कर
Mar 30, 2020, 12:03 PM IST
वुहान/न्यूयॉर्क/लंदन. दुनियाभर में कहर बरपा रहे कोरोनावायरस को लेकर बड़ी खबर है। बीमारी से पहले संक्रमित का पता चल गया है। यह 57 साल की एक महिला है, जो चीन के वुहान में झींगा बेचती थी। वेई गुझियान को पेशेंट जीरो बताया जा रहा है। पेशेंट जीरो वह मरीज होता है, जिसमें सबसे पहले किसी बीमारी के लक्षण देखे जाते हैं। खास बात यह है कि करीब एक महीने चले इलाज के बाद यह महिला पूरी तरह से ठीक हो चुकी है।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि यह महिला उस समय संक्रमित हुई, जब वह वुहान के हुआनैन सी-फूड मार्केट में 10 दिसंबर को झींगे बेच रही थीं। इसी दौरान उसने एक सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल किया और इसके बाद उसे सर्दी-जुकाम ने जकड़ लिया।
31 दिसंबर को वुहान म्यूनिसिपल हेल्थ कमीशन ने सबसे पहले इस महिला का नाम जाहिर किया था। वेई उन 27 मरीजों में शामिल थीं, जिन्हें सबसे पहले कोरोनावायरस से संक्रमित पाया गया। इन 27 मरीजों में से 24 सीधे तौर पर उसी सीफूड मार्केट से संक्रमित हुए थे, जहां पर यह महिला झींगे बेचती थी। हालांकि, बाद में इस बारे में कई विरोधाभासी रिपोर्ट्स भी आईं, जिनमें चीन सरकार ने इस बात को खारिज किया था कि पेशेंट जीरो मिल चुका है।
सबसे पहला मामला इसलिए पेशेंट जीरो
सबसे पहले रिपोर्ट होने वाले मामले के तौर पर वेई को पेशेंट जीरो माना जा रहा है, लेकिन चीन सरकार की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उल्टा, चीनी अखबार ‘ग्लोबल मीडिया’ ने दावा किया था कि इस वायरस को अमेरिकी सैन्य प्रयोगशाला में विकसित गया है और अक्टूबर में वुहान में हुए वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स के दौरान साइक्लिस्ट मजाट्जे बेनासी कोरोनवायरस का सोर्स था। इसके बाद चीन और अमेरिका में जुबानी जंग छिड़ गई थी और दोनों देशों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए थे।
ऐसे सामने आया नाम
चीन की न्यूज वेबसाइट ‘द पेपर’ की रिपोर्ट के हवाले से इस महिला के पेशेंट जीरो होने की खबर दुनियाभर के मीडिया की सुर्खियां बन चुकी है। ब्रिटेन के द मिरर, सिडनी के न्यूज डॉट ऑस्ट्रेलिया के अलावा भारत में पीटीआई और आईएएनएस ने भी इस महिला के पेशेंट जीरो होने की रिपोर्ट दी है।
सबसे पहले 6 मार्च को द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी इंवेस्टिगेटिंग रिपोर्ट How It All Started: China’s Early Coronavirus Missteps में वेई गुझियान का नाम छापा था। द वॉल स्ट्रीट के रिपोर्टर जेरेमी पेज, वेंझिंग फैन और नताशा खान की इस रिपोर्ट में चीन की गलतियों पर से पर्दा उठाया गया था। वुहान के संदिग्ध पेशेंट जीरो की पड़ताल करते हुए इन तीनों ने इस मामले में चीन के नेताओं के रवैये पर भी सवाल उठाए थे। इसके बाद कोरोनावायरस इतनी तेजी से फैला कि पेशेंट जीरो की ओर से लोगों का ध्यान भटक गया। 27 मार्च को यूरोप की कई न्यूज वेबसाइट्स ने चीन सूत्रों के हवाले से इस महिला के पेशेंट जीरो होने का दावा किया।
पेशेंट जीरो ने दिया बयान
महिला वेई गुझियान ने बताया कि, “मुझे हर बार ठंड के मौसम में सर्दी-जुकाम (फ्लू) हो जाता है। 10 दिसंबर को जब ऐसा हुआ तो मैंने वैसा ही समझा। मुझे थोड़ी ज्यादा थकान लगने लगी, लेकिन यह उतनी नहीं थी जितनी कि पिछले साल थी। मैं उसी दिन अपने पास के एक क्लीनिक पर गई और दवा खाने के बाद फिर से मार्केट में अपना काम करने लगी। मेरी हालत बिगड़ने लगी तो मैंने वुहान के द इलेवंथ हॉस्पिटल में दिखाया। वहां पर भी मेरी बीमारी का पता नहीं चला और मुझे दवाईयां दे दी गईं।
21 दिन बाद पता चला कोरोना का
5 दिन बाद उसकी चेतना लगभग खोने लगी और 16 दिसंबर को वुहान यूनियन हॉस्पिटल में महिला की ठीक से जांच की गई। डाक्टरों ने उसकी बीमारी को ‘निर्मम (Ruthless)’ तो बताया, लेकिन ये भी कहा कि कई और लोगों में उसके जैसे ही लक्षण देखे गए हैं। चीनी प्रशासन ने उसे दिसंबर के आखिर में क्वारैंटाइन किया और इसके बाद पहली बार वुहान के उस सीफूड मार्केट और कोरोनावायरस का कनेक्शन सामने आया।
31 दिसंबर को पहली बार महिला की बीमारी को कोरोनावायरस का संक्रमण बता गया। खुद गुझियान ने बताया कि संभवत: उसे संक्रमण उस पब्लिक टॉयलेट से हुआ जो बाकी व्यापारी भी इस्तेमाल करते हैं।जनवरी 2020 में पूरी तरह से ठीक भी हो गई।
सरकार ने कदम उठाने में देर कर दी
रिपोर्ट्स के अनुसार, चीनी सरकार ने कम से कम 266 लोगों की पहचान की है जो 2019 में कोरोनोवायरस से संक्रमित थे। इस महिला के सम्पर्क में आने से उसकी बेटी, उसकी भांजी और उसका पति भी कोरोना पॉजिटिव हो गए। इसके अलावा उस सीफूड मार्केट के कई व्यापारी भी महिला के सम्पर्क में आने से संक्रमित हुए। द वॉल स्ट्रीट जर्नल से बात करते हुए पेशेंट जीरो ने कहा कि, अगर चीनी सरकार ने समय पर कदम उठाए होते तो मरने वालों की संख्या कम होती।