September 17, 2024 : 9:32 PM
Breaking News
लाइफस्टाइल

बीएचयू शोधकर्ताओं ने विकसित की ‘स्ट्रीप तकनीक’, इससे कोरोनावायरस की जांच रिपोर्ट 1 घंटे में मिलेगी, दावा; 100 % सटीक परिणाम

  • स्ट्रीप तकनीक को बीएचयू की प्रो. गीता राय और स्टूडेंट्स डोली दास, खुशबू प्रिया और हीरल ठक्कर ने विकसित किया है
  • प्रो. गीता के मुताबिक, अभी तक जो भी किट बनाई गई हैं वो इस सिद्धांत पर आधारित नहीं थीं, इसलिए यह सस्ती होगी

दैनिक भास्कर

Mar 31, 2020, 08:10 PM IST

हेल्थ डेस्क. कोरोनावायरस की जांच ‘स्ट्रीप तकनीक’ से की जा सकेगी। जांच रिपोर्ट 1 से 4 घंटे में मिल जाएगी। बीएचयू में शोध कर रहीं छात्राओं ने यह तकनीक विकसित की है। शोध छात्राओं की मदद से इसे बनाने वाली डिपार्टमेंट ऑफ मॉलीकुलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स की प्रो. गीता राय का दावा है कि जांच की यह तकनीक बिल्कुल नई है। यह वायरस के प्रोटीन की जांच करती है। इसमें गलत रिपोर्ट आने की आशंका नहीं है। डॉ गीता राय के मुताबिक, इस तकनीक से सिर्फ यूनिक वायरस को सर्च किया जाएगा इसलिए यह 100 प्रतिशत सही होगा।

यह तकनीक सिर्फ कोरोना के स्ट्रेन को पकड़ती है
प्रो. गीता राय के मुताबिक, इस तकनीक को रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज पॉलीमर चेन रिएक्शन (आरटी- पीसीआर) कहा जाता है। यह ऐसे प्रोटीन सिक्वेंस को पकड़ती है जो सिर्फ कोविड-19 के वायरस में मौजूद है और जो किसी और वायरल स्ट्रेन में नहीं है। गीता राय की टीम में डोली दास, खुशबू प्रिया और हीरल ठक्कर ने इसकी खोज की है।

आईसीएमआर को भेजा प्रस्ताव 
प्रो. गीता राय ने इस तकनीक को जल्द से जल्द लोगों तक पहुंचाने के लिए सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) और इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च ऑफ इंडिया (आईसीएमआर) को प्रस्ताव भेज दिया है। कोविड-19 के संक्रमण की बढ़ती स्थिति को देखते हुए जांच की गति को बढ़ाने में तकनीक बेहद कारगर होगी। इससे न सिर्फ सटीक जांच होगी बल्कि रिपोर्ट भी एक से चार घंटे के भीतर प्राप्त किया जा सकेगी। इस तकनीक के कारण जांच बेहद कम कीमत में हो सकेगी।
 
तकनीक का पेटेंट फाइल किया गया 
प्रो. गीता राय ने तकनीक का पेटेंट भी फाइल कर दिया है। भारतीय पेटेंट कार्यालय के मुताबिक, देश में इस सिद्धांत पर आधारित अब तक कोई किट नहीं है जो कि ऐसे प्रोटीन सिक्वेंस को टार्गेट करके जांच कर रहा हो।
 
100 फीसदी सही जांच का दावा
प्रो. गीता राय के मुताबिक, अभी तक जो भी किट बनाई गई हैं वो इस सिद्धांत पर आधारित नहीं थीं। इस तकनीक के माध्यम से हम 2 से 3 लाख तक की मशीनों पर जांच कर सकते हैं जो किसी भी शहर में भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में यह तकनीक काफी सरल और सस्ती साबित होगी।

Related posts

टैरो राशिफल: गुरुवार को मेष राशि के लोगों को लव लाइफ में सफलता मिल सकती है, मिथुन राशि के लोगों को नुकसान हो सकता है

Admin

नए विचारों और योजनाओं के साथ काम शुरू करने, परिवार और दोस्तों की मदद करने का है दिन

News Blast

बिहार में हाथ बंधी महिलाओं के वायरल वीडियो का पूरा मामला क्या है

News Blast

टिप्पणी दें