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70% अल्कोहल वाले वाइप्स से फोन साफ करें, क्योंकि इस पर कोरोनावायरस कुछ घंटे से लेकर कई दिनों तक बना रह सकता है

  • शोधकर्ताओं के मुताबिक, फोन किसी भी समूह में संक्रमण फैलने का बड़ा कारण बन सकते हैं
  • अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, फोन की सफाई करते समय डिस्पोजेबल दस्ताने ही पहनें

दैनिक भास्कर

Apr 04, 2020, 11:24 AM IST

न्यूयॉर्क. (एमेलिया निरेनबर्ग) कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे हैं। बचाव का सबसे बेहतर तरीका है कि बार-बार हाथ धोते रहें और चेहरे को न छुएं। लेकिन ऐसा लगातार करना थोड़ा मुश्किल है। ऐेसे में अपने फोन को सैनेटाइज करना भी किटाणुओं को दूर रखने का स्मार्ट तरीका है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, फोन ऐसी चीज है, जिसे बार-बार छुआ जाता है और इससे कोरोनावायरस का संक्रमण फैल सकता है। समय-समय पर अपने फोन को साफ करें। इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है-

ये न करें

  • नमी आपके फोन की वर्किंग प्रभावित कर सकती है। टेक कंपनी एपल ने लोगों को सलाह दी है कि इसे साफ करने के लिए स्प्रे क्लीनर और स्ट्रॉन्ग केमिकल वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें। 
  • इस पर किसी तरह के ब्लीचिंग एजेंट और ऐरोसॉल स्प्रे का इस्तेमाल न करें। इसके अलावा किसी तरह के लिक्विड और एंटी-बैक्टीरियल का इस्तेमाल करने से बचें।

ये करें

  • टेक कंपनी एपल के मुताबिक, मोबाइल फोन या डिवाइस को साफ करने के लिए 70 फीसदी आइसोप्रोपिल अल्कोहल वाले वाइप्स का इस्तेमाल करें। क्लोरॉक्स डिसइंफेक्टिंग वाइप्स बेहतर विकल्प है।
  • सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, ऐसे घरेलू डिसइंफेक्टेंट्स जिसे एंवॉयर्नमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी ने अप्रूव किया है, ज्यादा बेहतर हैं।
  • सीडीसी कहता है, फोन की सफाई करते समय डिस्पोजेबल दस्ताने ही पहनें। बार-बार इस्तेमाल होने वाले री-यूजेबल दस्तानों से वायरस फैलने का खतरा रहता है, इसलिए इससे बचें।
  • अपने फोन के कवर की भी सफाई करना न भूलें। ध्यान रखें कि जब फोन और कवर की सफाई करें तो दोनों के सूखने के बाद ही कवर को फोन पर लगाएं।

क्यों जरूरी है फोन की सफाई?
महामारी तेजी से फैल रही है और इससे जुड़े शोध में किसी नतीजे पर पहुंचने में काफी समय लग रहा है। सीडीसी अब तक ये पता नहीं लगा पाया है कि कोरोनावायरस किसी जगह पर कितनी देर तक ठहरता है, लेकिन रिसर्च बताती हैं कि यह कुछ घंटे या कुछ दिन तक रह सकता है। 2017 में जर्म्स फाउंड अ होस्ट ऑफ बैक्टीरिया जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, रिसर्च में शामिल टीनेजर्स के मोबाइल पर बैक्टीरिया, वायरस पाए गए। शोधकर्ताओं का कहना है कि फोन किसी भी समूह में संक्रमण फैलने का बड़ा कारण बन सकते हैं। 

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