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चीनी सैनिकों के साथ झड़प में शहीद कर्नल संतोष बाबू बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे, 18 महीने से लद्दाख में तैनात थे

  • शहीद कर्नल संतोष बाबू हैदराबाद के सैनिक स्कूल से एनडीए के लिए चुने गए थे
  • कर्नल संतोष 2 बच्चों के पिता, उनका परिवार तेलंगाना के सूर्यापेट जिले में रहता है

दैनिक भास्कर

Jun 16, 2020, 08:10 PM IST

नई दिल्ली. लद्दाख की गालवन घाटी में सोमवार रात को भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें हमारे एक कर्नल और दो जवान शहीद हो गए। इनमें से एक शहीद कर्नल संतोष बाबू 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे। उनके साथ झारखंड के कुंदन ओझा और हवलदार पलानी भी शहीद हुए। कर्नल संतोष पिछले 18 महीने से लद्दाख में भारतीय सीमा की सुरक्षा में तैनात थे।

सेना के सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर कर्नल संतोष और दो जवानों के साथ चीन के सैनिकों की झड़प हुई थी। 

शहीद संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यापेट के रहने वाले थे। अब उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं। उनके पिता फिजिकल एजुकेशन टीचर हैं। शहीद कर्नल संतोष बाबू हैदराबाद के सैनिक स्कूल से एनडीए के लिए चुने गए थे।

परिवार के साथ कर्नल संतोष बाबू। (फाइल)

45 साल पहले चीन बॉर्डर पर भारत के जवान शहीद हुए थे
20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे।

मई से तनाव, जून में चार बार बातचीत हुई, फिर भी हिंसा भड़की
भारत-चीन के बीच 41 दिन से सीमा पर तनाव है। इसकी शुरुआत 5 मई से हुई थी। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच जून में ही चार बार बातचीत हो चुकी है।

बातचीत में दोनों देशों की सेनाओं के बीच रजामंदी बनी थी कि बॉर्डर पर तनाव कम किया जाए या डी-एक्स्केलेशन किया जाए। डी-एक्स्केलेशन के तहत दोनों देशों की सेनाएं विवाद वाले इलाकों से पीछे हट रही थीं।

चीन से जुड़े विवाद पर आप ये खबरें भी पढ़ सकते हैं…

1. चीन का डैमेज कंट्राेल और धमकियां: लद्दाख में अपने सैनिकों के मारे जाने के बाद चीन ने सुबह 7:30 बजे मीटिंग की मांग की, लेकिन 6 घंटे बाद धमकी दी- भारत एकतरफा कार्रवाई न करे
2. भारत-चीन के बीच जंग के 5 साल बाद भी झड़प हुई थी: 1967 में सिक्किम में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव हुआ था, चीन के 340 सैनिक मारे गए थे
3. बातचीत के बाद भी नहीं मान रहा चीन: पिछले महीने 3 बार सैनिक आमने-सामने हुए; इस महीने 4 मीटिंग के बाद तनाव कम हुआ था, बातचीत चल ही रही थी लेकिन हिंसक झड़प हो गई

4. कौन कितना ताकतवर: चीन और पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार; एटमी ताकत के लिहाज से रूस सबसे आगे

5. गालवन की कहानी: 1962 की जंग में गालवन घाटी में गोरखा सैनिकों की पोस्ट को चीनी सेना ने 4 महीने तक घेरे रखा था, 33 भारतीय मारे गए थे

6. दुनिया की सबसे लंबी अनसुलझी सीमा पर एक्सपर्ट व्यू: 1967 के बाद से भारत-चीन सीमा पर एक भी गोली नहीं चली, 1986 के 27 साल बाद 2013 से फिर होने लगे विवाद

7. एनालिसिस: हमारे देश में लोकतंत्र है इसलिए हम बता देते हैं, लेकिन चीन कभी नहीं बताएगा कि उसके कितने सैनिक मारे गए हैं

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