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देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों के नाम पर रखे गए हैं मुंबई, नैनीताल सहित 5 जगहों के नाम

  • जन्म देने वाली माता के साथ ही देवियों को भी मां माना गया है

दैनिक भास्कर

May 10, 2020, 11:12 AM IST

रविवार को अंतरराष्ट्रीय मदर्स डे है। माता खुद के सुख का ध्यान न रखते हुए अपने बच्चों को खुश रखने के लिए कई तरह की परेशानियों का सामना करती है। निस्वार्थ भाव से संतान का पालन करती है। इसी वजह से मां को सबसे महान माना गया है। इस दिन दुनियाभर में लोग अपनी-अपनी मां के सामने आभार प्रकट करते हैं, माता के सम्मान में उत्सव मनाते हैं, उपहार देते हैं। माताएं भी अपनी संतान को जीवनभर सुखी रहने का आशीष प्रदान करती हैं। हिन्दू धर्म में जन्म देने वाली मां के साथ ही देवियों के अलग-अलग स्वरूपों को भी मां माना गया है। मदर्स डे के अवसर जानिए कुछ ऐसे शहरों के बारे में जिनके नाम देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों के नाम पर रखे गए हैं। मान्यता है कि इन शहरों पर देवी मां की विशेष कृपा रहती है, यहां रहने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

मुंबई

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई का ये नाम वहां स्थित मूंबा देवी के नाम पर रखा गया है। मुंबई शब्द मुंबा यानी महा अंबा और आई यानी मां से मिलकर बना है। पहले इसे बॉम्बे या बंबई कहा जाता था, लेकिन 1995 में इसका मराठी नाम मुंबई कर दिया गया। मुंबा देवी मंदिर लगभग 400 साल पुराना है। पुराने समय में यहां मछुआरों की बस्ती थी। इन लोगों ने मुंबा देवी की स्थापना की थी।

चंडीगढ़

पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ का नाम चंडी माता के नाम पर पड़ा है। चंडीगढ़ यानी चंडी का किला। ये मंदिर चंडीगढ़ से करीब 15 किमी दूरी पर स्थित है। मंदिर में देवी चंडी के साथ ही श्रीराम, शिव, राधा-कृष्ण और हनुमानजी की मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर का इतिहास काफी पुराना है।

नैनीताल

नैनीताल उत्तराखंड का बहुत ही सुंदर पर्यटन स्थल है नैनीताल। यहां नैना देवी का प्राचीन मंदिर स्थित है। यहां कई झीलें हैं। नैनी झील के किनारे परे देवी मंदिर है। नैना यानी आंखें और ताल यानी झील। प्राचीन कथा के मुताबिक दक्ष प्रजापति के हवन कुंड में कूदकर देवी सती ने अपना शरीर त्याग दिया था। इसके बाद शिवजी सती के जलते हुए शरीर को लेकर पूरी सृष्टि में घूमे थे। इस दौरान जहां-जहां सती के शरीर के हिस्से गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ स्थापित हुए। नैनीताल में देवी की आंखें गिरी थीं। इसीलिए इसे नैनादेवी कहा जाता है।

त्रिपूरा

भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक है त्रिपूरा। इस राज्य का नाम त्रिपूरासुंदरी देवी के नाम पर पड़ा है। अगरतला इस राज्य की राजधानी है। यहां मान्यता प्रचलित है कि प्राचीन समय में ययाति वंश के एक राजा त्रिपुर के नाम पर इस क्षेत्र का नाम पड़ा है। एक अन्य मान्यता प्राचीन त्रिपुरासुंदरी देवी मंदिर से जुड़ी है।

मैंगलोर या मैंगलुरु

मैंगलोर यानी मैंगलुरु कर्नाटक में अरब सागर के पास स्थित है। यहां मान्यता प्रचलित है कि इस नगर का नाम यहां स्थित मंगलादेवी मंदिर के नाम पर पड़ा है। इस मंदिर का निर्माण अट्टावर के बलाल वंश द्वारा करवाया गया है।

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