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इंसान को संक्रमित करने वाले 7 में से 4 तरह के कोरोनावायरस सीजनल हैं, इनके सबसे ज्यादा मामले जनवरी-फरवरी में सामने आते हैं

  • अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी ने कोरोना की 7 प्रजातियां पर की रिसर्च, इनमें से 4 के लक्षण इंफ्लूएंजा जैसे

दैनिक भास्कर

Apr 08, 2020, 08:37 PM IST

नई दिल्ली. अब तक इंसानों को संक्रमित करने वाले 7 तरह के कोरोनावायरस खोजे जा चुके हैं। हालिया रिसर्च में अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है, इन 7 में चार कोरोनावायरस ऐसे हैं जो सीजनल हैं और इनके लक्षण इंफ्लूएंजा जैसे हैं। 4 सीजनल कोरोनावायरस में OC43, 229E, HKU1 और NL63 शामिल हैं। इनसे संक्रमण होने पर लक्षण अधिक गंभीर नहीं होते। वहीं, 3 खतरनाक कोरोनावायरस में सार्स, मेर्स और नया कोरोनावायरस है।

बच्चों में 20 फीसदी संक्रमण के मामले मिले
जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिसीज में 4 अप्रैल को प्रकाशित शोध के मुताबिक, यह रिसर्च कोविड-19 से जुड़ी नई जानकारी देने में मददगार साबित होगी। शोधकर्ताओं का कहना है कि बच्चों में 20 फीसदी और बड़ों में 9 फीसदी संक्रमण के मामलों की वजह कोरोना के 4 सीजनल वायरस हैं। 

5 साल से कम उम्र के बच्चों को संक्रमण का खतरा
एक साल के अंदर कोरोना के सबसे ज्यादा मामले दिसम्बर से मई के बीच सामने आए लेकिन एक साथ सबसे अधिक मामले जनवरी-फरवरी में देखे गए। वहीं जून और सितम्बर में महज 2.5 फीसदी मामले सामने आए। रिसर्च के मुताबिक, संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को रहता है। औसतन 3.2 से 3.6 दिन में घर के एक सदस्य को संक्रमण का खतरा रहता है।

जानवर से इंसान में होने वाला संक्रमण अधिक खतरनाक
शोध के मुताबिक, जानवर से इंसानों में होने वाला कोरोनावायरस का संक्रमण अधिक खतरनाक होता है। ठीक वैसे ही जैसे 2002 में सार्स और 2012 में मेर्स का प्रकोप फैला था। मिशिगन में जो सीजनल कोरोनावायरस के मामले मिले हैं वो नए कोरोनावायरस से जुड़े हैं लेकिन यह कहना मुश्किल है कि यह भी सीजनल वायरस की तरह व्यवहार करेगा या नहीं। यानी इसी समय बार-बार आएगा या नहीं।

रिकवर होने वालों की इम्युनिटी बेहतर 
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरू के एसोसिएट प्रोफेसर अमित सिंह कहते हैं, नया कोरोनावायरस अभी आया है इसलिए शरीर में इससे लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता नहीं है। एक बार संक्रमण होने पर रिकवर होने वाले लोगों में इस वायरस के लिए इम्युनिटी विकसित हो जाएगी। अगर शरीर में संक्रमण के बाद कोरोनावायरस की संख्या नहीं बढ़ेगी तो इम्युनिटी तेजी से विकसित होगी।

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