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लॉकडाउन के बीच कानपुर में मौलाना ने निकाह पढ़ाया, हैदराबाद में कपल ने कहा- कुबूल है, रिश्तेदारों ने लाइव देखी रस्में

  • लॉकडाउन के कारण हैदराबाद के काजी नहीं पहुंच सके तो कानपुर के मौलाना ने पढ़ाया निकाह
  • दुल्हान फारिया के मुताबकि, महीने भर पहले हुई कपड़ों की खरीदारी काम आई

दैनिक भास्कर

Apr 09, 2020, 06:33 PM IST

हैदराबाद. लॉकडाउन के बीच वर्चुअल निकाह का दिलचस्प मामला सामने आया है। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए कानपुर में बैठे मौलाना ने निकाह पढ़ाया और हैदराबाद में मौजूद कपल ने कहा, कुबूल है। 6 अप्रैल को 25 साल की फारिया सुल्ताना और 28 साल के नजफ नकवी ने हैदराबाद में शादी की रस्में वर्चुअली निभाईं। निकाह में परिवार के 16 लोग शामिल हुए, रिश्तेदारों ने शादी की रस्में लाइव देखी।

फैमिली के 16 लोग शामिल हुए
5 अप्रैल को फारिया और नजफ ने तय किया शादी करनी है। अगले 24 घंटे में तैयारी पूरी की गई। हैदराबाद में लॉकडाउन के बीच निकाह पढ़ाने मौलाना नहीं पहुंच सके तो तैयारी के अंतिम क्षणों में कानपुर के दौ मौलानाओं की मदद ली गई। उन्होंने कानपुर से ही मास्क लगाकर लाइव निकाह की रस्में पूरी कराईं। बेंगलुरू और दूसरे शहरों के रिश्तेदारों ने घर में ही हुई शादी को लाइव देखा और वर्चुअली शामिल हुए। 

कानपुर में निकाह पढ़ाते वक्त मौलानाओं ने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा।

यादगार रही शादी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फारिया ने बताया, हमारे पास शादी के लिए काफी समय था लेकिन अचानक लॉकडाउन के कारण उम्मीदों के मुताबिक शादी की तैयारियां नहीं हो सकीं। शादी यादगार साबित हुई क्योंकि काफी दिक्कतों के बीच रस्में पूरी हुईं। पहले हम शादी को जून तक टालने की योजना बना रहे थे लेकिन फिर इससे पहले करने का फैसला लिया। 

स्काइप और वॉट्सअप वीडियो कॉलिंग से रिश्तेदार जुड़े।

फैमिली मेम्बर्स को पसंद आया आइडिया
नजफ नकवी के मुताबिक, जब हम शादी कर रहे थे तो चीजें सेट नहीं हो पा रही थीं। वर्चुअल शादी में टेक्निकल दिक्कतें भी आ रही थीं। यह मेरे और मेरे परिवार के मुश्किल था। मेरे पिता ने मुझसे पूछा, क्या इस तरह शादी के लिए तैयार हो। दोनों तरफ के फैमिली मेम्बर्स को यह आइडिया पसंद आया। नजफ तेलंगाना की एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करते हैं। उनके दो भाई हैं। 

15 मिनट देरी से हुआ निकाह
फारिया कहती हैं कि हमारे यहां दूल्हे के कपड़े दुल्हन की तरफ से आते हैं और दुल्हन के लिए दूल्हे की तरफ से। मेरी सास और मैंने पिछले ही महीने कपड़ों की खरीदारी की थी। इत्तेफाक से यह अच्छा रहा। शादी के दिन प्लाजो, कुर्ता और दुपट्‌टा पहना। इस्लाम मुहूर्त के मुताबिक, निकाह दोपहर को 12.15 बजे होना था लेकिन मुझे तैयार होने में 15 मिनट लगे थे इसलिए निकाह 12.30 बजे पूरा हुआ। 

शादी का रिसेप्शन बाकी
शादी की शुरुआती रस्में भले ही पूरी हो गई हों लेकिन विदाई और रिसेप्शन (वलीमा) अभी बाकी है। लॉकडाउन के कारण ये आयोजन बाद में किया जाएगा। नकवी कहते हैं, फिलहाल मैं वर्क फ्रॉम होम में बिजी हूं और फ्यूचर प्लानिंग कर रहा है। लॉकडाउन खत्म होते ही हम घूमने जाएंगे।

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