दैनिक भास्कर
Apr 10, 2020, 10:47 AM IST
इन दिनों कोविड-19 वायरस से फैली महामारी से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। इससे पहले भी ऐसे कई वायरस आ चुके हैं, जिनसे हजारों लोगों की जान जा चुकी है। साइंटिफिक अमेरिकन मैगजीन के अनुसार धरती पर वैज्ञानिकों ने करीब 6 लाख ऐसे वायरस खोज निकाले हैं, जो जानवरों से इंसानों के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। जानें ऐसे ही कुछ खतरनाक वायरस के बारे।
1. मारबर्ग वायरस
इस वायरस को वर्ष 1967 में खोजा गया था। यह वायरस जर्मनी की एक लैब से लीक हो गया था, जो कि बंदरों से इंसानों में आया था। जो व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित होता है उसे तेज बुखार के अलावा शरीर के अंदर अंगों सेे खून निकलने लगता है। इसके कारण व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
2. हंता वायरस
कोरोना के बाद एक बार फिर चीन में इस वायरस सेे एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके कारण ये एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। चूहों से फैलने वाले इस वायरस का पहली बार 1993 में पता चला था। जब अमेरिका में एक कपल इस वायरस से संक्रमित होने के कारण मर गया था। इसके बाद कुछ ही महीनों में इस बीमारी से 600 लोगों की मौत हो गई थी।
3. मेर्स
यह वायरस भी कोरोना की ही फैमिली का माना जाता है। इसके बारे में पहली बार 2012 में पता चला जब ये सऊदी अरब में फैला। इस वायरस से ग्रसित व्यक्ति को निमोनिया और कोरोना वायरस के लक्षण हो जाते हैं। इस वायरस में 40 से 50 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है।
4. सार्स
इस वायरस को कोरोना वायरस का पूर्वज माना जाता है। यह वायरस भी चीन के गुआंगडांग प्रांत से आया था। यह वायरस चमगादड़ों से इंसानों में पहुंचता है। इस वायरस के कारण 2 साल में 26 देशों के करीब 8 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। यह भी कम खतरनाक नहीं।
5. इबोला वायरस
यह वायरस भी जानवरों से इंसानों में फैलता है। इस वायरस के बारे में पहली बार 1976 में पता चला जब कांगो और सूडान के कुछ लोगों की मौत इस वायरस के कारण हुई। साल 2014 में अफ्रीका में भी यह बहुत ही खतरनाक तरीके से फैला था।
6. रैबीज
आमतौर पर यह वायरस पालतू कुत्तों के काटने से फैलता है। इस वायरस के बारे में वर्ष 1920 में पता चला। इस वायरस का प्रकोप सबसे ज्यादा भारत और अफ्रीका में देखा गया है। अगर कुत्ते के काटने पर सही समय पर इलाज नहीं कराया तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है।
7. स्मॉलपॉक्स
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1980 में इस वायरस को खत्म करने की मुहिम चलाई थी। बता दें कि 20वीं सदी में इस रोग से 30 करोड़ लोगों की जान चली गई थी।
8. इंफ्लूएंजा
इसके किसी न किसी वायरस से हर साल करीब 5 लाख लोग मारे जाते हैं। 1918 में इसका नया वायरस स्पैनिश फ्लू आया था, जिससे करीब 5 करोड़ जानें गई थीं।
9. रोटावायरस
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल इस रोग से करीब 4 लाख बच्चों की मौत हो जाती हैं। इस बीमारी के 2 वैक्सीन बन चुके हैं।
10. एचआईवी
इससे संक्रमित व्यक्ति के बचने के कोई चांस नहीं होते। इससे संक्रमित 96 फीसदी लोगों की मौत हो चुकी है। 1980 स अब तक एचआईवी से संक्रमित 3.20 करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है।
11. डेंगू
मच्छरों के काटने से फैलने वाले इस रोग से भारत भी अछूता नहीं रहा है। इस बीमारी के बारे में पहली बार 1950 में फिलीपींस और थाईलैंड में पता चला था। आज भी इससे 20 फीसदी लोग मारे जाते हैं।