- दीपा मलिक पैरालिंपिक खेलों में मेडल जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी हैं, उन्होंने 2016 के रियो गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था
- संन्यास लेने पर दीपा ने कहा- मैंने भारी मन ये यह फैसला लिया, जरूरत पड़ी तो 2022 एशियन गेम्स से पहले दोबारा विचार करूंगी
दैनिक भास्कर
May 12, 2020, 11:03 AM IST
देश का सबसे बड़ा खेल सम्मान खेल रत्न पाने वालीं पैरा एथलीट दीपा मलिक ने संन्यास का ऐलान किया। दीपा देश के लिए पैरालिंपिक में मेडल हासिल करने वाली पहली महिला खिलाड़ी भी हैं।
उन्होंने पैरालिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया(पीसीआई) का अध्यक्ष बनने के लिए खेल को अलविदा कहा।
अब पैरा एथलीट के लिए काम करूंगी: दीपा
इस मौके पर उन्होंने कहा- मैंने पिछले साल 16 सितंबर को ही संन्यास से जुड़ी चिठ्ठी पीसीआई को सौंपी थी। लेकिन आज मैंने यह पत्र खेल एवं युवा कल्याण विभाग को भी दे दिया। मैं पीसीआई में नई कमेटी के गठन के लिए हाई कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रही थी। जो हमारे पक्ष में आया। दीपा ने कहा कि मुझे बड़ी तस्वीर देखनी होगी ताकि देश में पैरालिंपिक खिलाड़ियों को आगे लाने का काम कर सकूं।
‘नेशनल स्पोर्ट्स कोड का पालन करूंगी’
नेशनल स्पोर्ट्स कोड के मुताबिक, एक सक्रिय एथलीट किसी भी फेडरेशन में आधिकारिक रूप से पद पर नहीं रह सकता है। इसी नियम का हवाला देते हुए हुए मलिक ने संन्यास लिया है। उन्होंने कहा कि संन्यास की घोषणा करना महत्वपूर्ण है। मुझे देश के नियमों के मुताबिक ही चलना होगा। लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मैं 2022 के एशियन गेम्स के वक्त अपने फैसले की समीक्षा कर सकती हूं। मुझे नहीं पता कि मेरे अंदर का खिलाड़ी कभी खत्म होगा भी या नहीं।
मैंने भारी मन से यह फैसला लिया: दीपा
उन्होंने आगे कहा कि मैंने बहुत भारी मन से यह फैसला लिया है। लेकिन खेल की बेहतरी के लिए मुझे ऐसा करना था। अगर मुझे पीसीआई में पद संभालना है तो मुझे कानून मानना होगा।
दीपा को पदमश्री भी मिल चुका
देश में पैरालिंपिक खेलों को बढ़ावा देने में उनका नाम सबसे आगे है। उन्हें पिछले साल खेल दिवस के मौके पर देश का सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न मिला था। उन्हें पदमश्री और अजुर्न अवॉर्ड भी मिला है। वे अब तक 23 अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत चुकी हैं।