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बेसहारा लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए सड़कों पर बनाए हैंड-वॉश स्टेशन, ग्रेमी विनर आर्टिस्ट लेक्रे भी पहल से जुड़े

  • पहल शुरू करने वाले एनजीओ के फाउंडर लेस्टर के मुताबिक, लोगों की मदद करना किसी भी हॉबी से बेहतर है
  • अब बर्मिंघम, अल्बामा, लॉस एंजलिस और न्यूयॉर्क सिटी में भी लगाए गए हैंडवॉशिंग स्टेशन

दैनिक भास्कर

Apr 18, 2020, 11:00 PM IST

अटलांटा. कोरोना के दौर में लोग कई तरह से एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। इसी का उदाहरण है, अटलांटा के एक एनजीओ की पहल। इस ग्रुप से जुड़े युवा गरीबों और बेसहारा लोगों के जगह-जगह साबुन, पानी और सैनेटाइजर से लैस वॉश बेसिन उपलब्ध करा रहे हैं। इस समूह से ग्रेमी विनर हिप-हॉप आर्टिस्ट लेक्रे भी जुड़ गए हैं। इसकी शुरुआत अमेरिका में बेसहारा और आवासहीन लोगों की मदद करने वाले ‘लव बियॉन्ड वॉल्स’ ने मार्च के महीने में की थी। 

40 जगहों पर लगाए हैंडवॉश स्टेशन
पिछले महीने टेरेंस लेस्टर को जब यह पता चला कि सार्वजनिक स्थलों पर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई और ऐसे समय में आवासहीन लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है तो उन्हें इस पहल को शुरु करने का आइडिया आया। टेरेंस ‘लव बियॉन्ड वॉल्स’ एनजीओ के फाउंडर हैं और इस पहल को नाम दिया है ‘लव सिंक इन’। अटलांटा में 40 जगहों पर हैंडवॉश स्टेशन लगाए ताकि ऐसे लोग हाथ को साफ रख सकें।

संक्रमण से बचाव के लिए लगा फुट पैडल
हर एक हैंडवॉश स्टेशन में 5 गैलन पानी रखा जाता है। इसमें एक फुट पैडल लगा है जिसकी मदद से सिंक तक पानी पहुंचता है और हाथ धोते समय नल को छूना नहीं पड़ता। एक हैंडवॉश स्टेशन की कीमत 7800 रुपए है। जिसे लोगों द्वारा दी गई डोनेशन से खरीदा गया है।  

‘लव बियॉन्ड वॉल्स’ एनजीओ के फाउंडर टेरेंस लेस्टर

हर हफ्ते एक हजार से ज्यादा लोगों की मदद
एक हैंडवॉश स्टेशन में मौजूद पानी और साबुन एक दिन के लिए पर्याप्त होता है। एनजीओ से जुड़े लोग रोजाना इसे सैनेटाइज करते हैँ और इसमें पानी-साबुन को भरते हैं। लेस्टर का कहना है कि वे हर हफ्ते 1 हजार से ज्यादा लोगों की मदद करते हैं। 

कई शहरों में लगाए गए स्टेशन

लेस्टर का कहना है, मुझे लोगों की मदद करना अच्छा लगता है। यह तरीका मुझे उनसे जोड़ता है। हैंडवॉशिंग स्टेशन अब बर्मिंघम, अल्बामा, लॉस एंजलिस और न्यूयॉर्क सिटी में भी लगाए गए हैं। साबुन और पानी इंसान का अधिकार है। इसके लिए 2008 में यूनाइटेड नेशन चिल्ड्रेन फंड की स्थापना भी हुई थी।

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