- अलाप्पुझा में रहने वाले गिरीश रोजाना सुबह घर से खाना और पानी लेकर निकलते और पुलिस के जवानों तक पहुंचाते हैं
- गिरीश कहते हैं, मेरे पास अधिक पैसा नहीं है इसलिए मैं केले और सोडे की बोतल जवानों तक पहुंचाता हूं
दैनिक भास्कर
Apr 22, 2020, 12:32 PM IST
अलाप्पुझा. कोरोना के कर्मवीरों की तरह केरल के गिरीश भी सुबह होते ही लोगों की मदद करने के लिए घर से निकल जाते हैं। अलाप्पुझा में रहने वाले गिरीश घर से खाना और पानी लेकर निकलते और शहर में पुलिस के जवानों तक पहुंचाते हैं। वह लॉकडाउन के पहले दिन से ही ऐसा कर रहे हैं। गिरीश पेड़ों से नारियल तोड़ने का काम करते हैं।
मैं सिर्फ अपनी ड्यूटी निभा रहा हूं
गिरीज को एक बार नारियल के पेड़ पर चढ़ने के 100 रुपए मिलते हैं। वह कहते हैं, कोरोना महामारी के समय पुलिस के जवाब अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं और मैं अपनी। मेरे पास बहुत पैसा नहीं कि मैं उनके लिए अधिक खाना उपलब्ध करा सकूं लेकिन मैं अपनी कमाई से केले और सोडे की बोतल उन तक पहुंचाता हूं।
मना करने पर सामान रखकर चले जाते हैं
कोलावुर के सब-इंस्पेक्टर टॉल्सन जोसेफ कहते हैं कि रोजाना गिरीश दोपहिया वाहने पर घर से निकलते हैं और ड्यूटी पर तैनात पुलिस की जवानों खाना और पानी पहुंचाते हैं। पहली बार जब मैंने इन्हें देखा तो पता चला कि ये रोजाना ऐसा कर रहे हैं। जोसेफ कहते है, अगर पुलिस से ये सामान लेने से मना करती है तो गिरीश पीछे रखकर चले जाते हैं।
दूसरों की मदद करने जज्बा काबिलेतारीफ
कुंजूमोल की एक महिला पुलिसकर्मी का कहना है कि, गिरीज ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को केला और पानी पहुंचाते हैं। उनका काम बेहद सराहनीय है। हम गर्मी में लगातार ड्यूटी कर रहे हैं, दुकाने बंद हैं। ऐसे में दूसरों की मदद करने जज्बा काबिलेतारीफ है। हालांकि डिपार्टमेंट की ओर से भी खाने की चीजें मुहैया कराई जा रही है।