
- ऑस्ट्रेलिया के स्पोर्ट्स साइंस और मेडिसिन मैनेजर एलेक्स कॉन्टूरिस ने कहा- मैच में बॉल पर कीटनाशक दवा का प्रयोग हो
- भारतीय स्पिनर हरजभन सिंह ने कहा- लार नहीं लगाने पर बॉल हवा में ज्यादा देर नहीं रहेगी और वह स्पिन भी नहीं होगी
दैनिक भास्कर
May 20, 2020, 12:48 PM IST
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल कोरोना के कारण बॉल को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर रोक लगाने का विचार कर रही है। इस नियम पर दुनियाभर के क्रिकेटर अपने-अपने सुझाव दे रहे हैं। भारतीय स्पिनर हरभरजन सिंह ने सुझाव दिया कि टेस्ट में दोनों छोर से अलग-अलग गेंदों का इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं ऑस्ट्रेलिया के स्पोर्ट्स साइंस और स्पोर्ट्स मेडिसिन मैनेजर एलेक्स कॉन्टूरिस ने कहा कि मैच के दौरान बॉल पर कीटनाशक का इस्तेमाल करना चाहिए।
हरभजन ने यूट्यूब चैनल स्पोर्ट्स टॉक पर कहा, ‘‘आप टेस्ट क्रिकेट में दोनों छोर से 2 गेंदों का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक गेंद को आप रिवर्स स्विंग के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं,जबकि दूसरी गेंद को स्विंग के लिए।’’
पुरानी गेंद पर लार के बगैर चमक नहीं आती
हरभजन ने कहा, ‘‘टेस्ट में 50 ओवर के बाद गेंद बदल देना चाहिए, क्योंकि तब तक बॉल पुरानी हो जाती है। इस पर किसी तरह से चमक नहीं आएगी। यह कप्तान की इच्छा पर हो कि वह नई गेंद का इस्तेमाल दोनों छोर से करना चाहता है या केवल एक छोर से।’’
पसीने से बॉल भारी हो जाती है
हरभजन ने कहा कि गेंद पुरानी होने पर वह पसीने से चमकती नहीं है, बल्कि भारी होती है। जबकि लार थोड़ा मोटा होता है और उसके बार-बार इस्तेमाल करने से गेंद में चमक लाने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है इसका कोई स्थायी समाधान नहीं है। अगर लार का उपयोग नहीं करोगे तो वह गेंदबाजों को खेल से दूर ले जाएगा। लार न लगाने पर बॉल हवा में ज्यादा देर नहीं रहेगी और वह स्पिन भी नहीं करेगी।
बॉल कितना संक्रमित होगा पता नहीं: कॉन्टूरिस
वहीं, कॉन्टूरिस ने कहा कि मैच में गेंद पर कीटनाशक दवा का प्रयोग किया जाना चाहिए। क्योंकि अभी तक यह पता नहीं है कि बॉल कितना संक्रमित होगा। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में इंग्लैंड के साथ मैच है। वह आईसीसी से परमीशन लेकर इसका प्रयोग करेंगे। कॉन्टूरिस ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के लिए प्रोटोकॉल बना रहे हैं।
ट्रेनिंग में भी खिलाड़ियों को अलग बॉल इस्तेमाल करना होगा
इन प्रोटोकॉल के तहत ट्रेनिंग में खिलाड़ियों को अपनी अलग गेंद का इस्तेमाल करना होगा। कम से कम सामानों को साझा करना होगा। उन्होंने कहा कि क्रिकेटरों को कुछ आदतों को बदलना होगा। कुछ लोग गेंद पकड़ने से पहले अपनी अंगुली को मुंह में लगाते हैं, कि वे गेंद को चमका सके, इसको छोड़ना होगा।