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ब्रिटेन में कोरोना के बीच बच्चों के दिल में सूजन और पेट में दर्द के मामले बढ़े, नेशनल हेल्थ सर्विसेज ने इमरजेंसी अलर्ट जारी किया

  • डॉक्टर्स के मुताबिक, आईसीयू पहुंचने वाले बच्चों के दिल में सूजन, पेट में दर्द, उल्टी और डायरिया के लक्षण,
  • बच्चों की इस बीमारी को इनफ्लेमेट्री सिंड्रोम नाम दिया गया, इसकी तुलना कावासाकी डिसीज से हो रही

दैनिक भास्कर

Apr 28, 2020, 11:55 AM IST

ब्रिटेन की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संस्था नेशनल हेल्थ सर्विसेस ने कोरोना संक्रमण के बीच बच्चों के लिए इमरजेंसी अलर्ट जारी किया है। डॉक्टरों के मुताबिक, आईसीयू में बच्चों के ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिनके दिल में सूजन, पेट में दर्द, उल्टी और डायरिया के लक्षण हैं। इसे इनफ्लेमेट्री सिंड्रोम कहा गया है। इन लक्षणों का सम्बंध कोरोनावायरस से हो सकता है। पिछले तीन हफ्तों में सभी उम्र वर्ग के बच्चों में ऐसे मामले बढ़े हैं और हालत नाजुक होने के कारण उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसे लक्षणों वाले कुछ बच्चों की जांच रिपोर्ट निगेटिव और कुछ बच्चों की पॉजिटिव आई है।

कावासाकी डिसीज से हो रही तुलना

डॉक्टर्स इस स्थिति को समझ नहीं पा रहे हैं और इसकी तुलना शॉक सिंड्रोम और कावासाकी डिसीज से कर रहे हैं। जिसमें शरीर के अंदरूनी हिस्सों में सूजन आ जाती है, बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ होती है। लगभग ऐसे ही लक्षण कोविड-19 के भी हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि हम अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं और इसके पीछे कोई और वजह भी हो सकती है। 

पेट में दर्द होना एक तरह की इमरजेंसी
कितने बच्चे इस इनफ्लेमेट्री सिंड्रोम से जूझ रहे हैं या कितनी मौत हुई हैं, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। पीडियाट्रिक इंटेनसिव केयर सोसायटी के एक ट्वीट के मुताबिक, बच्चों में मिले जुले लक्षण दिख रहे हैं। शॉक सिंड्रोम, कावासाकी डिसीज और कोविड-19 तीनों के गंभीर लक्षण बच्चों में एक साथ दिख रहे हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, बच्चों के पेट में दर्द होना यह एक तरह की इमरजेंसी है।  

3 हफ्ते पहले दिखने शुरू हुए थे मामले
नेशनल हेल्थ सर्विसेस के सर्कुलर के मुताबिक, इंफ्लेमेट्री सिड्रोम के मामले पिछले 3 हफ्ते से दिखने शुरू हुए हैं। इसकी वजह बीमारी का धीमी गति से सामने आना या दुर्लभ होना हो सकता है क्योंकि ये जब सामने आई है महामारी अपने चरम पर है। इसके मामले तेजी से सामने आने शुरू हुए हैं। ब्रिटेन के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एलिजाबेथ विटेकर का कहना है कि ऐसे ही मामले दूसरे देश इटली और स्पेन में भी देखे गए थे। 

क्या है कावासाकी डिसीज
यह रक्तवाहिनियों से जुड़ी बीमारी है। जिसमें रक्तवाहिनियों की दीवारों पर सूजन आ जाती है। इसके ज्यादातर मामले 5 साल से कम उम्र के बच्चों में सामने आते हैं। यह सूजन हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों को कमजोर कर सकती है। हालात नाजुक होने पर हार्ट अटैक या हार्ट फेल्योर भी हो सकता है। बुखार आना, स्किन पर चकत्ते दिखना, हाथों में सूजन होना, आंखों के सफेद हिस्सों में लालिमा दिखना और गले में सूजन होना इसके लक्षण हैं। 

अलग-अलग संस्थाओं ने बताए लक्षण
नेशनल हेल्थ सर्विसेस ने अब तक बढ़ता तापमान, खांसी जैसे लक्षणों को कोविड-19 का लक्षण मान रहा है। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि डायरिया, पेट में दर्द भी कोरोना संक्रमण के लक्षण हैं। वहीं, अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, गंध या स्वाद महसूस न होना भी कोरोना संक्रमण का इशारा है। 

नए मामलों को जल्द समझने की जरूरत
डॉ. एलिजाबेथ विटेकर का कहना है, ऐसे मामलों की संख्या कम है लेकिन नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पीडियाट्रिक इमरजेंसी रिसर्च के चेयरमैन डॉ. रोलैंड के मुताबिक, हर उस बच्चे को खतरा है जो पेट के दर्द से जूझ रहे हैं। इसे जल्द समझने की जरूरत है क्योंकि अब तक मिले प्रमाण इससे मेल नहीं खा रहे।

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