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लंदन के क्रिस हर दिन बना रहे एक नया टैटू; ॐ से अध्यात्म पर भरोसा जताया, फरिश्ता बनाकर कोरोना कर्मवीरों को शुक्रिया कहा

  •  लंदन में रहने वाले क्रिस वुडहेड बीते 40 दिन से हर दिन शरीर पर एक नया टैटू बना रहे हैं
  •  नए-पुराने मिलाकर उनके शरीर पर 400 टैटू हैं और अब खाली हिस्सा ढूंढ़ना मुश्किल हो रहा

दैनिक भास्कर

May 02, 2020, 10:17 PM IST

लंदन. लॉकडाउन के बीच लंदन के टैटू आर्टिस्ट क्रिस वुडहेड बीते 40 दिनों से अपने शरीर पर हर दिन एक नया परमानेंट टैटू बना रहे हैं। चेहरे को छोड़ दें तो बाकी शरीर पर अब और नए टैटू बनाने की जगह नहीं बची। इनके टैटूज में कई कहानियां भी छिपी हैं।

किसी टैटू में मेडिकल स्टाफ (एनएचएस) को धन्यवाद कहा गया है तो कहीं लॉकडाउन खत्म होने का सवाल छिपा है। कहीं पर ॐ बना है तो कहीं किसी हिस्से में एक फरिश्ता मुस्कुराता नजर आ रहा है। कान में मकड़ी का जाल है तो पैर के तलवों तक में मैसेज लिखा है।

क्रिस उत्तरी-पूर्वी लंदन के वॉथैम्स्टो में रहते हैं और रोजाना दोपहर 2 बजे से 4 बजे अपने सोफे पर बैठकर शरीर का ऐसा नया हिस्सा ढूंढते हैं जहां टैटू बनाया जा सके और कोई कहानी कही जा सके।

तस्वीरों में क्रिस की और टैटूज की कहानी –

कोरोना महामारी में टाइमपास करने और तनाव से बचने के लिए क्रिस ने रोजाना एक टैटू बनाने की शुरुआत की। शरीर पर टैटू बनाने का शौक 18 साल की उम्र में चढ़ा था। क्रिस को प्रेरणा डंकन एक्स से मिली जो ब्रिटेन के जाने माने टैटू आर्टिस्ट हैं और उनके पूरे शरीर पर भी टैटू हैं।  तस्वीर साभार- इंस्टाग्राम
क्रिस का कहना है कि डंकन एक्स ने जब मेरे शरीर पर टैटू बनाया तो मेरी उम्र 19 साल की थी। उसके बाद मेरे एक दोस्त ने टैटू बनाने के लिए मुझे कैनवस की तरह इस्तेमाल किया। उसने मुझ पर 400 से अधिक टैटू बनाए।
क्रिस रोजाना लॉकडाउन की किसी न किसी स्थिति से प्रेरित होते हैं और दोपहर 2 से 4 के बीच टैटू बनाना शुरू करते हैं। वह कहते हैं, मैं इसे एक थैरेपी की तरह मानता हूं, जो मेरे मन में आता है उसे बनाता हूं।

क्रिस को इंतजार है लॉकडाउन हटने और इस महामारी के खत्म होने का। वह कहते हैं, यह बेहद बुरा समय है ऐसे में एनएचएस जिस तरह लोगों की मदद कर रहा है वह तारीफ के काबिल है। उनसे प्रेरित होने की जरूरत है। वे इतने मुश्किल हालात में भी डटे हुए हैं और अपना फर्ज निभा रहे हैं।

क्रिस के टैटू बनाने की तकनीक काफी पुरानी है जिसमें बिना बिजली सुई की मदद से टैटू बनाया जाता है। वह कहते हैं, यह तकनीक आधुनिक टैटू गन के मुकाबले कम दर्द देती है।

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