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देश में दवा का ट्रायल चल रहा है कुछ लोगों में सफल भी रहा है फिलहाल लॉकडाउन को ही वैक्सीन की तरह समझें और सावधानी बरतें : एक्सपर्ट

  • देश में कोरोना के जितने मामलों का अनुमान लगाया गया था लॉकडाउन लगने के बाद मामले काफी हद नियंत्रित रहे
  • लॉकडाउन 3.0 में भी सावधानी बरतनी है ताकि देश में जनजीवन पटरी पर लौट सके और मामले तेजी से घट सकें

दैनिक भास्कर

May 05, 2020, 01:50 PM IST

नई दिल्ली. देश में दवा का ट्रायल चल रहा है लेकिन अभी लॉकडाउन का पालन करना ही एक तरह की वैक्सीन है। इस दौरान घर से निकलने से बचें और निकलें भी साबुन-पानी से हाथ धोएं। यह कहना है नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एमके सेन का। डॉ. एमके सेन ने कोरोना से जुड़े कई सवालों के जवाब आकाशवाणी को दिए। जानिए कोरोना से जुड़ी शंका का सामधान…

#1) क्या भारत में दवा का ट्रायल चल रहा है?
भारत में पीजीआई चंडीगढ़ और एम्स भोपाल-दिल्ली में ट्रीटमेंट के तौर पर एक दवा का अभी प्रयोग किया जा रहा है। इसका नाम माइक्रो बैक्ट्रियम डब्ल्यू है। इसका प्रयोग हमारे देश में पहले कुछ बीमारियों के लिए हो चुका है। अब इसका प्रयोग कोरोना से गंभीर मरीजों में इलाज में किया जा रहा है। कुछ लोगों में इसका ट्रायल सफल हुआ है।

#2) जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं क्या उन्हें दोबारा संक्रमण हो सकता है?
कोरोना नया वायरस है, इससे ठीक होने के बाद इंसान दोबारा बीमार पड़ सकता है या नहीं। इस बारे में पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। यह बात सही है कि ठीक हो चुके मरीज की इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग हो जाती है लेकिन कितनी स्ट्रॉन्ग होगी, यह अलग-अलग इंसान पर निर्भर करती है। इसलिए ठीक होने के बाद भी सावधानी बरतें। 

#3) जो कहीं बाहर नहीं जा रहे उन्हें संक्रमण कैसे हो रहा है?
कोरोनावायरस आमतौर पर किसी संक्रमित के सम्पर्क में आने या सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। अभी तक जितने एसिम्प्टोमेटिक (जिनमें लक्षण नहीं दिखते) मरीज आए उसमें ज्यादातर लोगों को अनजाने में सम्पर्क में आने पर, भीड़ में जाने या बाजार में कुछ सामान लेने जाने पर हुआ। लेकिन अगर आप घर से बाहर नहीं निकल रहे तो हो सकता है कि किसी सामान के लेने-देन में संक्रमण हो जाये। इसलिए कुछ भी सामान खरीदने या बाहर जाने पर सावधानी बरतें।

#4) अगर मरीजों की संख्या बढ़ रही है तो छूट क्यों दी जा रही है?
लॉकडाउन लगाने से पहले भारत में वायरस की स्थिति को लेकर जो भविष्वाणी की गई थी उसे देखें तो लॉकडाउन लगने से काफी फायदा हुआ है। हमारे देश में संक्रमण के फैलने में रफ़्तार कम हो गई है क्योंकि भारत की आबादी के हिसाब से यहां संक्रमण बढ़ने का आंकड़ा बहुत बताया गया था। अब जब लॉकडाउन में हमें फायदा हुआ है तो कई जिले जहां वायरस का एक भी मरीज नहीं है वहां कुछ शर्तों के साथ छूट दी गई है ताकि जनजीवन भी धीरे-धीरे सामान्य हो सके। हालांकि अभी सभी दिशा-निर्देश वैसे ही लागू रहेंगे।

#5) तीसरा लॉकडाउन शुरू हो गया है, उसमें क्या सावधानी रखनी हैं?
इसमें कुछ इलाकों में छूट दी गई है। ये परीक्षा की घड़ी है। जिसमें अनुशासन, संयम और सुरक्षा का ध्यान रखना है। इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का प्रयोग, हैंड वॉश करना याद रखें। अलग-अलग जोन के हिसाब से छूट दी गई है। ऑफिस या कहीं बाहर जा रहे हैं तो टेबल, कुर्सी, दरवाजे की कुंडी अगर छुएं तो तुरंत हाथ धोएं या सैनेटाइज करें। अगर इस बीच जरा सा सर्दी-जुकाम या कुछ लक्षण नजर आएं तो घर पर ही रहें।  
 
#6) आरोग्य सेतु ऐप के लिए स्मार्टफोन नहीं है तो क्या करें?
अगर किसी के पास स्मार्टफोन नहीं है, उनके लिए सरकार कोशिश कर रही है कि वे फीचर फोन में इस ऐप का प्रयोग करें। हालांकि सरकार फोन करके भी दिशा-निर्देशों के बारे में बता रही है। अगर आपके घर में किसी के पास स्मार्टफोन है तो आरोग्य सेतु ऐप को जरूर डाउनलोड करें। यह वायरस के संक्रमण से बचने में मददगार है। इससे वायरस से जुड़ी तमाम जानकारी भी मिलती रहती है।

#7) कोविड-19 की लड़ाई में हमें कितनी सफलता मिली है?
अब तक जितने भी कदम उठाए हैं, उनका फायदा साफतौर पर हुआ है। पश्चिमी देशों की तुलना में हमारे आंकड़े काफी कम है। जितना अनुमान लगाया गया था उसकी तुलना में काफी कम मामले हैं। ऐसा पहले के दो लॉकडाउन की वजह से हुआ है। लॉकडाउन 3.0 में तो और भी ज्यादा संयम बरतने की जरूरत है।

#8) लॉकडाउन का पालन कब तक करना है?
लॉकडाउन को एक दवा समझकर लेना होगा, कोई भी असरदार दवा, कई बार कड़वी होती है। इसलिए लॉकडाउन को ही वैक्सीन मानना बेहतर इलाज है। जो भी दिशा निर्देश दिए जाएं उसका पालन करें।

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