- मच्छराें के शरीर में मलेरिया का परजीवी प्लाज्मोडियम पलता है और ये खोजा गया सूक्ष्मजीव उसे पनपने से रोकता है
- शोधकर्ताओं के मुताबिक, आंकड़े बताते हैं ऐसे सूक्ष्मजीव 100 फीसदी तक मच्छरों को वाहक बनने से रोक लेते हैं
दैनिक भास्कर
May 08, 2020, 02:35 PM IST
वैज्ञानिकों ने मच्छरों के जनन अंगों में में पाए जाने वाले ऐसे सूक्ष्मजीव (माइक्रोब) को खोज निकाला है जो इन्हें मलेरिया का कैरियर (वाहक) होने से बचाते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह सूक्ष्मजीव कीनिया की विक्टोरिया झील के किनारे पाए जाने वाले मच्छरों में बतौर संक्रमण के रूप में मिला है और यह मच्छरों को मलेरिया फैलाने से रोकता है। यह खोज अमेरिका की ग्लासगो यूनिवर्सिटी और कीनिया के इंटरनेशनल सेंटर ऑफ इंसेक्ट फिजियोलॉजी एंड इकोलॉजी ने मिलकर की है।
सूक्ष्मजीव का नाम माइक्रोस्पोरिडिया एमबी
शोधकर्ताओं ने मच्छरों में मलेरिया होने से रोकने वाले सूक्ष्मजीव को माइक्रोस्पोरिडिया एमबी नाम दिया है। यह मच्छर की प्रतिरक्षा यानी इम्यूनिटी को ताकतवर बनाकर उसकी मलेरिया परजीवी से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। रिसर्च करने वाले डॉ. जेरेमे हेरेन के मुताबिक, हमारे पास जो आंकड़े है वो बताते हैं ये सूक्ष्मजीव मच्छरों में मलेरिया के परजीवी प्लाज्मोडियम को पनपने से 100 फीसदी तक रोक लेते हैं। इस तरह वह मलेरिया पैदा करने वाले प्लाज्मोडियम का वाहक नहीं बन पाता।
मच्छर भी होते हैं संक्रमित
रिसर्च में सामने आया कि माइक्रोस्पोरिडिया सूक्ष्मजीव काफी हद तक कवक से मिलता जुलता है। हर 20 में से एक मच्छर में यह पाया जाता है। एक बार मच्छर में माइक्रोस्पोरिडिया सूक्ष्मजीव पैदा हो जाने पर यह पूरे जीवनकाल तक रहता है इसलिए मलेरिया से बचाव भी हमेशा के लिए रहता है। किसी भी क्षेत्र के 40 फीसदी मच्छर इस सूक्ष्मजीव से संक्रमित हो सकते हैं।
मच्छर में संक्रमण की पड़ताल जारी
नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित शोध के मुताबिक, शोधकर्ता यह पता लगाने में जुटे हैं कि इतनी अधिक संख्या में मच्छर माइक्रोस्पोरिडिया सूक्ष्मजीव से क्यों संक्रमित हो रहे हैं। मलेरिया से हर साल 4 लाख लोगों की मौत होती है, इनमें सबसे ज्यादा संख्या 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों की है। सिर्फ अफ्रीका में ही इससे 2.50 लाख मौतें हर साल होती हैं।
सूक्ष्मजीव बनाम परजीवी का मुकाबला
ग्लासगो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता प्रो. स्टीवेन सिम्किन्स का कहना है कि यह नई खोज है, हम इस सूक्ष्मजीव की मलेरिया रोकने की खूबी से काफी उत्साहित हैं। रिसर्च से कई जानकारियां सामने आई हैं और इनकी मदद से आने वाले दिनों में मलेरिया पैदा करने वाले सूक्ष्मजीव का उसे रोकने वाले सूक्ष्मजीव से मुकाबला देखना दिलचस्प होगा।