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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने यह रिसर्च कोरोना ट्रैकिंग ऐप के 26 लाख यूजर्स पर की
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शोधकर्ताओं ने लक्षणों के जरिए ऐप यूजर्स को ट्रैक किया, 17 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव मिले
दैनिक भास्कर
May 12, 2020, 09:08 PM IST
कुछ समय पहले गंध या स्वाद न महसूस होना जैसा लक्षण कोरोना के कम ही मरीजों में देखा जा रहा था लेकिन हालिया स्थिति उलट है। अब कोरोना से जूझ रहे है 65 फीसदी मरीजों में ऐसे लक्षण दिख रहे हैं। यह दावा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी हालिया रिसर्च में किया है। अमेरिकी की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संस्था सीडीसी ने भी इस लक्षण को संक्रमण का अहम संकेत मानकर अपनी गाइडलाइन में शामिल किया है।
यह लक्षण संक्रमण का शुरुआती अलर्ट
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने यह रिसर्च कोरोना ट्रैकिंग ऐप के जरिए की है। ऐप का इस्तेमाल करने 26 लाख लोगों पर रिसर्च हुई। शोधकर्ताओं का कहना है कि गंध या स्वाद न महसूस होना कोरोना के संक्रमण का प्रमुख लक्षण है, जो दो तिहाई मरीजों में देखा गया है। यह लक्षण संक्रमण फैलने की शुरुआत में ही अलर्ट करता है।
ऐसे हुई रिसर्च
शोधकर्ताओं ने ऐप यूजर्स से कोरोना के कुछ लक्षणों के बारे में पूछा। इनमें गंध महसूस न होना, भूख न लगना, थकान, सूखी खांसी, डायरिया, सांस लेने में तकलीफ, पेट और सीने में दर्द जैसे लक्षण शामिल थे। 26 लाख में से 7,178 ऐप यूजर्स कोरोना पॉजिटिव पाए गए। लेकिन शोधकर्ताओं के मुताबिक, लक्षणों के आधार पर 17 लोग पॉजिटिव मिले।
बुखार अब कॉमन लक्षण नहीं
शोधकर्ता डॉ. एंड्रयू चेन के मुताबिक, महामारी की शुरुआत में ज्यादातर देशों में बुखार और सांस लेने में तकलीफ ही प्रमुख लक्षण पाए गए थे। अब बुखार उतना सामान्य लक्षण नहीं है जितना हम लोग समझते हैं। इसकी जगह पर गंध का पता न चलना कोरोना पॉजिटिव मरीजों में प्रमुख लक्षण के तौर पर देखा जा रहा है।