- 27% लोगों का कहना है कि वे पाबंदी हटने पर पार्क, गार्डन, कॉलेज-यूनिवर्सिटी, मॉल और सिनेमा आदि जाएंगे
- 21% ने कहा कि वे वैश्विक स्तर पर रोगियों के काम होने के बाद विदेश यात्रा करेंगे
दैनिक भास्कर
May 12, 2020, 09:36 PM IST
सरकार से लेकर आम लोगों तक, सभी अब ‘न्यू नॉर्मल’ की बात कर रहे हैं। हाल ही में हुए दो सर्वे ने लोगों की सोच व व्यवहार में बदलाव और उनके मन में ‘न्यू नॉर्मल’ को लेकर हो रही तैयारी पर रोशनी डालते हैं। पहला सर्वे मैनेजमेंट कंसल्टिंग कंपनी मैक्किंसी ने किया है, जिसके मुताबिक भारत में लोग अर्थव्यवस्था को लेकर आशावादी हैं।
पहला सर्वे : 55% लोग मानते हैं आय और बचत घटेगी
सर्वे में मार्च के महीने में और अप्रैल मध्य में लोगों की सोच की तुलना भी की गई है। मार्च अंत में 52% लोगों को लगता था कि अर्थव्यवस्था 2-3 महीनों में सुधरने लगेगी, वहीं अप्रैल में यह आंकड़ा 6% बढ़कर 58% पर पहुंच गया। 55% यह भी मानते हैं कि आने वाले हफ्तों में उनकी आय व बचत कम हो जाएगी। मैक्किंसी का सर्वे बताता है कि लोगों को लगता है कि वे किराना (44%), पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स (29%) व होम एंटरटेनमेंट (45%) पर ज्यादा खर्च करेंगे।
दूसरा सर्वे : 48% लोगों का कहना है जुलाई तक स्थिति नियंत्रित हो जाएगी
दूसरा सर्वे लंदन स्थित ग्लोबल मार्केट रिसर्च और डेटा कंपनी यूगॉव ने किया है। इसमें भी भारतीय काफी आशावादी नजर आ रहे हैं। सर्वे में शामिल ज्यादातर भारतीय मानते हैं कि देश में कोरोना मई अंत से लेकर जुलाई अंत तक नियंत्रण में आ जाएगी और खत्म हो जाएगी। ऐसे लोगों का आंकड़ा 48% है। नॉर्मल लाइफ के बारे में पूछने पर 27% ने कहा कि वे पाबंदी हटने पर पार्क, गार्डन, कॉलेज-यूनिवर्सिटी, मॉल और सिनेमा आदि जाएंगे, वहीं 21% ने कहा कि वे वैश्विक स्तर पर रोगियों के काम होने के बाद विदेश यात्रा करेंगे, वहीं 20% कोरोना की वैक्सीन की खोज होने के बाद ऐसा करेंगे।
किस बात की चिंता है?
कोरोना कब खत्म हो सकता है?
कोरोना से कुछ फायदा हुआ?
- 50% को लगता है कि कोरोना ने सिखाया है कि हमारे पास जो है, उसका सम्मान करें।
- 48% मानते हैं, संकट की वजह से तकनीक बेहतर होगी।
- 6% को लगता कि कोरोना से कोई भी अच्छा बदलाव नहीं होगा।