June 6, 2023 : 11:42 AM
Breaking News
लाइफस्टाइल

संक्रमण होना या न होना आपके जीन तय करते हैं, इसलिए किसी में लक्षण ही नहीं दिखते तो कोई वेंटिलेटर पर पहुंच जाता है

  • शोधकर्ताओं ने इम्यून सिस्टम में जीन के बदलाव को समझा तो पाया कि अलग-अलग लोगों के जीन में फर्क से भी संक्रमण को मिल सकता है बढ़ावा
  • किसी में कोरोना के संक्रमण से हालत नाजुक तो किसी में लक्षण तक नहीं दिख रहे, ऐसा जीन में फर्क से भी संभव  

दैनिक भास्कर

May 13, 2020, 07:54 AM IST

शोधकर्ताओं ने कोरोनावायरस और इंसान के जीन के बीच की कड़ी ढूंढ़ने का दावा किया है। उनका कहना है कि कोरोना का संक्रमण ज्यादातर को एक ही तरह से होता है लेकिन कुछ लोगों में इसके हल्के लक्षण सामने आते हैं और कई बार तो दिखाई भी नहीं देते। वहीं कुछ कोरोना पीड़ितों की हालत इतनी बिगड़ जाती है कि वे वेंटिलेटर पर रखे जाते हैं।

रिसर्च करने वाली अमेरिका की ऑरेगॉन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है अलग-अलग लोगों के जीन में फर्क होने के कारण ऐसा होता है और ये बात अमूमन सभी बीमारियों के लिए कही जा सकती है। 

रिसर्च की 4 बड़ी बातें

  • डीएनए में अंतर संक्रमण को बढ़ावा दे सकता है

शोधकर्ताओं ने जीन के इस अंतर को समझने के लिए कम्प्यूटर मॉडल का इस्तेमाल किया। शरीर के इम्यून सिस्टम में जीन के बदलाव को समझा। रिसर्च में अलग-अलग लोगों के डीएनए में अंतर पाया गया। दावा किया गया कि यही फर्क तय करता है कि नए कोरोनावायरस के संक्रमण कितना गंभीर साबित होगा। 

  • ऐसे समझें बचाव की कहानी

शोधकर्ताओं के मुताबिक, जब वायरस इंसानी कोशिका को संक्रमित करता है तो शरीर में मौजूद एंटीवायरस अलार्म सिस्टम अलर्ट हो जाता है। यह अलार्म इम्यून सिस्टम को आदेश देता है कि वायरस के मुकाबले के लिए सायटो-टॉक्सिक टी सेल को रिलीज करो और संक्रमित कोशिका को खत्म करो। यही टी-सेल वायरस को भी पहचानकर संक्रमण को खत्म करती हैं। 

  • सभी में एंटीवायरस अलार्म एक जैसा नहीं

शोधकर्ताओं के मुताबिक, हर इंसान के शरीर में एंटीवायरस अलार्म सिस्टम एक जैसा नहीं है क्योंकि उनमें मौजूद एक खास तरह के जीन में फर्क है। इस जीन का नाम है एलिल्स। कुछ एलिल्स कोरोना के लिए काफी सेंसेटिव हैं। इसे समझने के लिए कोरोनावायरस में मौजूद प्रोटीन की एनालिसिस की गई। कम्प्यूटर की मदद से एंटीवायरस अलार्म सिस्टम के अलग-अलग एल्गोरिदिम पर रिसर्च की गई। 

  • इम्यून सिस्टम में जीन की अहम भूमिका

रिसर्च में सामने आया कि शरीर के एंटीवायरस अलार्म सिस्टम में ह्यूमन ल्यकोसाइट एंटीजन सिस्टम (एचएलए) होता है। इसे एलिल्स जीन्स ही तैयार करता है। हर जीन में अलग-अलग प्रोटीन होता है। यह अलग-अलग तरह से शरीर में पहुंचने वाली फॉरेन बॉडी (वायरस, बैक्टीरिया) से लड़ता है। अगर एचएलए प्रोटीन वायरस को पकड़ लेता है तो इम्यून सिस्टम संक्रमित कोशिका को खत्म करने में समर्थ हो जाता है।

Related posts

कोविड कवच एलाइजा कैसे काम करता है? एक्सपर्ट- यह रैंडम टेस्ट है जो सर्विलांस की तरह काम करता है और बड़े शहरों के लिए कारगर है

News Blast

इंदौर में परीक्षा से पहले अगले सेमेस्टर की फीस मांग रहे कालेज, विद्यार्थियों ने विवि को की शिकायत

News Blast

केरल का त्रावणकोर बोर्ड मंदिरों का 1200 किलो सोना बैंक में रखेगा, 28 मंदिरों में ऑनलाइन सेवा पूजा भी होगी

News Blast

टिप्पणी दें