- परिस्थितिकी विशेष और पर्यावरणविद् डेविड लेपोला के मुताबिक, इंसानों की कारगुजारी का असर अमेजन के वर्षावन पर हो रहा है
- जंगलों का शहरीकरण हो रहा है, इस कारण ऐसी बीमारियां फैल रही हैं जो जानवरों से इंसान को हो रही हैं
दैनिक भास्कर
May 15, 2020, 04:40 PM IST
अमेजन का जंगल कोरोनावायरस का हॉट जोन बन सकता है। अगली महामारी यहां से इंसानों तक पहुंच सकती है। यह चेतावनी ब्राजील के इकोलॉजिस्ट डेविड लेपोला ने दी है। डेविड के मुताबिक, यह जंगल वायरस का घर है और इंसानों का यहां अतिक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। पेड़ काटे जा रहे हैं और जानवरों से उनके रहने की जगह छिन रही है।
जंगलों में बदलाव पर कर रहे रिसर्च
38 वर्षीय डेविड लेपोला शोधकर्ता भी हैं। इंसानों की एक्टिविटी का जंगलों के वातावरण का क्या असर पड़ रहा है, इस विषय पर डेविड रिसर्च कर रहे हैं। उनका कहना है, इंसानों की कारगुजारी का असर अमेजन के जंगलों पर भी हो रहा है।
कोरोनावायरस इंसानों से पहले चमगादड़ पहुंचा
शोधकर्ताओं के मुताबिक, जंगलों में शहरीकरण के कारण जूनोटिक डिसीज तेजी से बढ़ी हैं। यह वो बीमारियां हैं जो जानवरों से इंसानों में पहुंचती हैं। इसमें कोरोना वायरस भी शामिल है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोनावायरस इंसानों से पहले चमगादड़ पहुंचा। चीन के हुबेई प्रांत में यह किसी तीसरी प्रजाति से लोगों में फैला।
जनवरी से अप्रैल तक 1202 वर्ग किमी जंगल का सफाया हुआ
शोधकर्ता डेविड का कहना है कि दुनिया का सबसे बड़ा वर्षावन खत्म होता जा रहा है। ब्राजील के नेशनल स्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने अमेजन के जंगलों की सैटेलाइट तस्वीरें ली थीं। तस्वीरों के मुताबिक, इस साल जनवरी से अप्रैल तक 1202 वर्ग किलोमीटर जंगल का सफाया हो गया है। यह एक चार महीनों का रिकॉर्ड है।
जानवरों से इंसानों तक पहुंच रहा वायरस
डेविड के मुताबिक, जब पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता है तो वायरस जानवरों से होते हुए इंसानों तक पहुंचता है। एचआईवी, इबोला और डेंगू फीवर ये कुछ बीमारियां हैं। सभी में वायरस बड़े स्तर पर फैला क्योंकि पर्यावरण का संतुलन बिगड़ा।
समाज और जंगल के बीच रिश्ता बनना जरूरी
डेविड का कहना है कि समाज और वर्षावन के बीच फिर से एक सम्बंध को विकसित करने की जरूरत है। ऐसा नहीं हुआ तो दुनिया महामारी से जूझती रहेगी। ऐसी बुरी स्थिति बनेगी जिसकी भविष्यवाणी करना भी मुश्किल है।