- आयुर्वेदिक दवाओं का पहला परीक्षण उन पर किया जाएगा जो कोरोना मरीजों की देखरेख कर रहे हैं
- केवल खांसी वायरस का संक्रमण नहीं, सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ और बुखार आए तो अलर्ट हो जाएं
दैनिक भास्कर
May 16, 2020, 07:10 PM IST
नई दिल्ली. कोरोना से लड़ने वाली आयुर्वेदिक दवाओं का परीक्षण किन पर किया जाएगा, क्या ये संक्रमण रोक पाएंगी और क्या संक्रमण खांसी के साथ बुखार आना कोविड-19 का प्रमुख लक्षण है… ऐसे कई सवालों के जवाब आयुष मंत्रालय के सलाहकार डॉ. डीसी कटोच ने आकाशवाणी को दिए हैं, जानिए इनके बारे में…
#1) कोरोनावायरस का संक्रमण कब खत्म होगा?
यह एक महामारी है जो पूरी दुनिया में फैली हुई है। जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक सभी को वायरस से बचाव के लिए सावधानी बरतनी है। साफ-सफाई का ध्यान रखना है। वायरस से बचने के लिए जो भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं, उसका पालन करेंगे तो संक्रमण नहीं होगा। फिलहाल बचाव बहुत जरूरी है।
#2) आयुर्वेद की किन औषधियों का परीक्षण चल रहा है?
आयुष मंत्रालय में एक टास्क फोर्स बनाई गई है जो वायरस से बचाव के लिए दवाओं पर रिसर्च कर रही है। इसमें पीपली के साथ गुरुची, मुलेठी, अश्वगंधा और आयुष-64 हैं। ये सभी रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाती हैं। शोध में ये सभी दवाएं जुकाम और खांसी को ठीक करने में कारगर पाई गई हैं। कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद सभी को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की सलाह दी गई है। इन दवाओं पर और शोध चल रहा है कि वायरस से संक्रमण के बचाव में इनका प्रयोग कैसे कर सकते हैं।
#3) किन लोगों पर दवा का परीक्षण किया जाएगा?
ऐसे अस्पताल जहां कोविड-19 के डॉक्टर और स्टाफ हैं उन पर परीक्षण किया जाएगा। एक जो संक्रमितों की सेवा में लगे हैं उनके सीधे सम्पर्क में हैं। दूसरा, वे लोग जिनमें लक्षण हैं। देखा जाएगा कि वे औषधियों के जरिए कितने दिनों में ठीक होते हैं। इसके लिए आयुष मंत्रालय ने दिशा-निर्देश दिए हैं, उसके अनुसार ही परीक्षण किया जाएगा।
#4) क्या आयुर्वेद की दवा लेने से वायरस का संक्रमण नहीं होगा?
अगर आप कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए किसी भी तरह की आयुर्वेदिक दवाई का प्रयोग करते हैं तो उसे करते रहें। आयुर्वेद की औषधियां वायरस से लड़ने में मदद करती हैं और संक्रमण हो भी गया तो जल्दी ठीक हो जाता है। लेकिन इस बीच अगर कोई लक्षण आते हैं और तबियत बिगड़ती है तो डॉक्टर से सम्पर्क करें। वैसे वायरस का संक्रमण तभी होगा जब आप बाहर जाएंगे या किसी संक्रमित के सम्पर्क में आएंगे। इसलिए बाहर जाएं और हर प्रकार की सावधानी बरतें।
#5) सामान्य मास्क कैसे बचाएगा, क्या एन-95 मास्क ज्यादा अच्छा होता है?
घर पर बना मास्क वायरस से बचने के लिए कारगर है लेकिन उसे समय-समय पर धोते रहें। अगर बाहर जाते हैं तो धूल, गंदगी या वायरस मास्क पर बैठ जाते हैं। इसलिए बाहर से आने के बाद मास्क साफ कर लेना चाहिए। घर में बने मास्क में 3 परत होनी चाहिए। उससे वायरस अंदर नहीं प्रवेश कर पाएगा। एन-95 मास्क केवल अस्पताल में काम करने वालों के लिए है क्योंकि वे मरीजों के सीधे सम्पर्क में आते हैं।
#6) केवल खांसी, बलगम आने से कोरोना की आशंका है या बुखार आना भी जरूरी है?
कोरोनावायरस में सूखी खांसी आती है, उसके बाद सांस लेने में तकलीफ होती है। शुरु में बुखार हल्का होता है और धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। अगर वायरस का संक्रमण है तो धीरे-धीरे तबीयत खराब होगी और कमजोरी महसूस होगी। केवल खांसी आने का मतलब वायरस का संक्रमण नहीं है।
#7) लॉकडाउन में ढील दी जा रही है, अपनी सुरक्षा कैसे करें?
लॉकडाउन में ढील दी जा रही है। इसका मतलब ये नहीं कि एक जगह भीड़ लगाकर खड़े हो जाएं। सुरक्षित दूरी बनाए रखें। बाहर जाएं तो मास्क लगाकर ही रखें। नाक में सरसों या नारियल तेल की कुछ बूंदे डाल दें। अगर बाहर से किसी चीज जैसे सब्जी आदि को छुआ है तो हाथ जरूर धोएं। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें।
#8) आयुर्वेदिक काढ़ा घर में कैसे बना सकते हैं?
तुलसी के पत्ते, दालचीनी, सोंठ, काली मिर्च को गरम पानी में डालकर उबाल लें और हर्बल टी की तरह रोज सुबह पिएं। इससे इम्युनिटी भी बढ़ती है, इसके अलावा हल्दी-दूध का सेवन करें।