March 28, 2024 : 4:13 PM
Breaking News
लाइफस्टाइल

महामारी के बाद भी मर्द मानते हैं कि मास्क उनके लिए कमजोरी की निशानी और कोरोनावायरस का संक्रमण उन्हें नहीं होगा

  • अमेरिका की मिडिलसेक्स यूनिवर्सिटी ने 2500 लोगों पर की रिसर्च, 8 फीसदी पुरुष और 5 फीसदी महिलाओं का मानना है कि वह बाहर जाएंगे तो मास्क नहीं लगाएंगे
  • दुनियाभर के आंकड़े और शोध कह रहे हैं कि महिलाओं से ज्यादा कोरोनावायरस के संक्रमण का खतरा पुरुषों को है, बावजूद इसके ऐसे जवाब सामने आ रहे

दैनिक भास्कर

May 18, 2020, 08:52 PM IST

महिलाओं के मुकाबले पुरुष मास्क लगाना कम पसंद करते हैं। उनका मानना है कि यह कमजोरी की निशानी है। अमेरिका में 2500 लोगों पर कोरोना से जुड़े एक शोध में यह बात सामने आई है। शोध में शामिल 8 फीसदी पुरुष और 5 फीसदी महिलाएं मानती हैं कि वह जब भी बाहर जाएंगे तो मास्क नहीं लगाएंगे। पुरुषों से ऐसे जवाब तब मिले हैं जब आंकड़े और शोध, दोनों बता रहे हैं कि महिला से अधिक पुरुषों को कोरोनावायरस का खतरा है।

खुद को सुरक्षित मान रहे

  • यह रिसर्च अमेरिका की मिडिलसेक्स यूनिवर्सिटी ने कराई है। शोधकर्ता का कहना है कि पुरुषों में मास्क लगाने और बीमारी से बचाव का अधिक क्रेज नहीं देखा गया। उनका मानना है कि महिलाओं के मुकाबले वह ज्यादा सुरक्षित हैं।
  • शोधकर्ता डॉ. कैपरारो और गणितज्ञ हेलेन बार्सिलो ने अमेरिका के 2459 युवाओं पर सर्व किया। इसमें 1266 पुरुष और 1183 महिलाएं शामिल थीं। वहीं, 10 ऐसे लोग भी सर्वे में शामिल हुए थे जिन्होंने अपने जेंडर की जानकारी नहीं साझा की। 
  • रिसर्च में शामिल युवाओं को सवाल के जवाब में 0 से 10 तक रेटिंग करनी थी। उनसे पूछा गया कि बाहर जाते समय मास्क लगाएंगे, मास्क लगाने के बाद वह कैसा महसूस करते हैं, क्या यह उन्हें कूल, शर्मनाक, कमजोरी की निशानी लगता है।
  • शोधकर्ताओं ने पाया कि 99 पुरुष और 58 महिलाओं ने कहा, वह बाहर जाते समय मास्क नहीं लगाएंगे। वहीं, 87 पुरुषों ने रोजमर्रा के काम करते समय भी मास्क लगाने में असहमति जताई।

5 कारण :  महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में संक्रमण के मामले अधिक क्यों हैं

1. स्मोकिंग: यह फेफड़ों को खराब कर खतरा बढ़ाता है
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित शोध के मुताबिक, चीन में कोरोना के कारण मरने वालों में 26 फीसदी धूम्रपान करने वाले थे। शोधकर्ताओं के मुताबिक, धूम्रपान करने में महिलाओं के मुकाबले पुरुष आगे हैं। दुनियाभर के एक तिहाई धूम्रपान करने वाले लोग सिर्फ चीन में हैं, जबकि यहां सिर्फ दो फीसदी महिलाएं ही स्मोकिंग करती हैं। ब्रिटेन में 16.5 फीसदी पुरुष और 13 फीसदी महिलाएं स्मोकर हैं। शोध के मुताबिक, सिगरेट पीने के दौरान, बार-बार हाथ मुंह के पास पहुंचता है, इसलिए खतरा और भी ज्यादा है।

आरएमएल हॉस्पिटल, नई दिल्ली के विशेषज्ञ डॉ. एके वार्ष्णेय के मुताबिक, कोरोनावायरस का संक्रमण सिगरेट के धुएं से नहीं फैलता है, लेकिन धुआं फेफड़ों को खराब करता है। अगर कोई ज्यादा सिगरेट पीता है तो उसके फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और ऐसे लोगों को वायरस के संक्रमण का खतरा भी ज्यादा होता है। जो इंसान किसी भी तरह का धूम्रपान करते हैं, उनमे संक्रमण जल्दी फैलने का खतरा है।

महिलाओं के शरीर में बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा का रिस्पॉन्स ज्यादा तेज होता है।

2. कमजोर इम्यून सिस्टम : फीमेल हार्मोन ज्यादा ताकतवर 
अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी के मुताबिक, कोरोना से लड़ने ने महिलाओं की इम्युनिटी बेहतर है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, महिलाओं में रिलीज होने वाले सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन शरीर की कोशिकाओं वायरस से लड़ने के लिए एक्टिवेट करते हैं। जबकि पुरुषों में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन का असर उल्टा होता है। एक्स क्रोमोसोम्स में इम्यून जीन्स (TLR7) मौजूद होते हैं जिन्हें आरएनए वायरस ढूंढ लेते हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के इम्यूनोलॉजिस्ट प्रो. फिलीप गोल्डर के मुताबिक, महिलाओं के शरीर में बीमारियों से लड़ने के लिए रिस्पॉन्स तेज होता है इसलिए उनका इम्यून सिस्टम ताकतवर बनता चला जाता है और रोगों से लड़ने की क्षमता अधिक हो जाती है।

3. लाइफस्टाइल डिसीज : सार्स के समय भी 50 फीसदी अधिक पुरुषों की मौत हुई थी 
एन्नल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, पुरुषों में लाइफस्टाइल डिसीज जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के मामले महिलाओं से ज्यादा होते हैं। ये बीमारियां कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ाती हैं। शोध के मुताबिक, 2003 में सार्स के संक्रमण के दौरान हॉन्ग-कॉन्ग में सबसे ज्यादा महिलाएं संक्रमित हुई थीं लेकिन फिर भी पुरुषों की मौत का आंकड़ा 50 फीसदी तक अधिक था। मर्स महामारी के दौरान भी संक्रमण से पुरुषों की मौत का आंकड़ा 32 फीसदी था। महिलाओं में यह आंकड़ा 25.8 फीसदी था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, महिलाएं पुरुषों से 6 से 8 साल अधिक जीती हैं। 

कोरोना वायरस के स्पाइक्स इंसानी कोशिका से निकले ACE 2 की ओर आकर्षित होकर उससे जुड़ जाते हैं और फिर उस पर कब्जा करके अपनी संख्या बढ़ाने लगते हैं।

4. ACE2 प्रोटीन: यहपुरुषों में अधिक पाया जाता है
जब कोरोनावायरस शरीर में पहुंचता है तो ऐसी कोशिकाओं से जुड़ता है जो ACE2 प्रोटीन रिलीज करती हैं। आमतौर पर प्रोटीन फेफड़ों, हृदय और आंतों में पाया जाता है लेकिन इसकी सबसे ज्यादा मात्रा टेस्टिस (वृषण-वीर्य कोष) में पाई जाती है। जबकि महिलाओं की ओवरी (अंडाशय) में यह बेहद कम मात्रा में पाया जाता है।

5. हाइजीन: पुरुष पर्सनल हाइजीन- हाथ धोने में पीछे

महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर के विशेषज्ञों ने साफ-सफाई बरतने के साथ बार-बार हाथ धोते रहने की सलाह दी थी। विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं के मुकाबले बार-बार हाथ धोने में पुरुष लापरवाह नजर आते हैं। इसीलिए संक्रमण के मामले अधिक सामने आने की एक वजह ये भी है। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक यूनिहिरो मैत्सुहिता के मुताबिक- सफाई बरतने के मामले में, खासकर हाथों को धोने में पुरुष महिलाओं से पीछे हैं।

Related posts

देश में रिकवरी रेट बढ़ रहा है, लॉकडाउन में लोगों ने वायरस से लड़ना सीखा और अनलॉक-1 में भी वही सावधानी बरतनी जरूरी : एक्सपर्ट

News Blast

स्कंद पुराण कहता है बांस जलाने से लगता है पितृ दोष, सेहत के लिए नुकसानदायक है ऐसा करना

News Blast

12 में से 8 राशियों के लिए सफलता, आर्थिकल लाभ और लव लाइफ के लिए अच्छी खबर वाला हो सकता है महीने का पहला दिन

News Blast

टिप्पणी दें