- दिल्ली सरकार आकड़ों में हेराफेरी के लिए बार-बार कर रही हेल्थ बुलेटिन में बदलाव
- 2 से 7 जून तक औसतन रोजाना 45 की मौत, 3 जून को 1 दिन में 68 मौतें
दैनिक भास्कर
Jun 13, 2020, 07:22 AM IST
दिल्ली. राजधानी में कोरोना मरीजों की प्रतिदिन मौत के आकड़े तेजी से बढ़ रहे है। इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते है कि हेल्थ बुलेटिन के अनुसार 2 से 7 जून के बीच दिल्ली में औसतन 45 मरीजों की मौत रोज रिकॉर्ड की गई। 3 जून को एक दिन में 68 मौतें अस्पताल में हो चुकी है। जिनकी डेथ ऑडिट कमेटी ने अलग-अलग दिन पुष्टि की है। यहीं कारण है कि हेल्थ बुलेटिन में मौतों को अलग-अलग दिन जोड़ा गया।
अब गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी हेल्थ बुलेटिन में पिछली मौत की तारीख के कॉलम को ही हटा दिया गया।
यानी गुरुवार को हेल्थ बुलेटिन में पिछले 24 घंटे में 65 समेत पिछली कुल 101 मौत होने की जानकारी तो दी गई, लेकिन पिछली मौत किसी दिन हुई। इसकी तारीख की जानकारी नहीं बताई गई। यह पहली बार नहीं है। सरकार हेल्थ बुलेटिन में लगातार बदलाव करती आ रही है। हद तो यह है कि सरकार ने पिछले 24 घंटे की जानकारी वाला हेल्थ बुलेटिन 9 जून को जारी ही नहीं किया गया। यह बुलेटिन अगले दिन सुबह 5 बजे शेयर किया गया। अब यह आरोप है कि सरकार आकड़ों की हेराफेरी के लिए हेल्थ बुलेटिन में बदलाव किया जा रहा है।
ये है कुछ बड़े बदलाव : जानें दिल्ली सरकार ने कब-कब किया बड़ा फेरबदल
- हेल्थ बुलेटिन में सबसे पहले मरकज से निकले मामले की की जगह स्पेशल ऑपरेशन्स लिखा किया। फिर इसे भी हटा दिया गया।
- कंटेंनमेंट जोन की संख्या, कुल आबादी और सैंपल की जानकारी भी दी जाती थी। अब सिर्फ कंटेंनमेंट जोन की संख्या बताई जाती है।
- अस्पतालों के साथ उसमें होने वाले कोरोना मरीज की मौत की संख्या बताई जाती थी। इसमें से मौत का कॉलम हटा दिया गया।
- कोरोना मरीज की उम्र के अनुसार संक्रमितों की संख्या, उम्र के अनुसार मौत समेत उनकी मृत्युदर की जानकारी दी जाती थी। जिसे भी हेल्थ बुलेटिन से हटा दिया गया।
- अस्पताल अनुसार भर्ती मरीज का कॉलम भी हटा दिया गया।
- अब गुरुवार को हेल्थ बुलेटिन से पुरानी मौत की पुष्टि होने के बाद उसकी तारीख की जानकारी का कॉलम हटा दिया गया।
सुबह का बुलेटिन रात को
सरकार 24 घंटे पहले के कोरोना के आकड़े की जानकारी दूसरे दिन उपलब्ध कराती है। इस नई व्यवस्था के बाद हेल्थ बुलेटिन सुबह जारी किया जाने लगा। फिर इसमें कुछ देरी हुई तो दोपहर में जारी किया जाने लगा। फिर इसको जारी देर रात में किया जाने लगा। इसी लेटलतीफी के 9 जून को सरकार की तरफ से हेल्थ बुलेटिन जारी ही नहीं किया गया।