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चीन के मीडिया ने युद्धाभ्यास का वीडियो शेयर किया, भारतीय एक्सपर्ट बोले- यह चीन की पुरानी आदत, हमें भी उसके दिमाग से खेलना चाहिए

  • ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया- उत्तर-पश्चिम के ऊंचाई वाले क्षेत्रों पीएलए के हजारों पैराट्रूपर्स ने युद्धाभ्यास किया
  • भारतीय रक्षा विशेषज्ञों ने कहा- यह चीन की पुरानी आदत, हमें भी अब पड़ोसी देश के दिमाग से खेलना चाहिए

दैनिक भास्कर

Jun 08, 2020, 01:20 PM IST

नई दिल्ली/बीजिंग. भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में तनाव के बीच चीन का सरकारी मीडिया भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। ग्लोबल टाइम्स ने रविवार को हजारों सैनिकों के युद्धाभ्यास का वीडियो शेयर किया। इसके जरिए चीन का मीडिया यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि सीमा पर चीन किसी भी समय अपने सैनिक और हथियार इकट्ठा कर सकता है। भारतीय एक्सपर्ट ने कहा कि यह चीन की पुरानी आदत है। वक्त आ गया है कि हमें भी उसके दिमाग से खेलना चाहिए।

मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने चीन के उत्तर-पश्चिम में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास किया है। इसमें हजारों पैराट्रूपर्स और बख्तरबंद गाड़ियां शामिल हैं। 

ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में यह दिखाने की कोशिश की गई की जरूरत पड़ने पर चीन अपनी सीमा सुरक्षा को कितनी जल्दी मजबूत कर सकता है। शनिवार को चाइन सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटीवी) ने भी बताया कि पीएलए एयरफोर्स की एयरबोर्न ब्रिगेड ने हुबेई प्रांत से हजारों किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम चीन के पठारों में एक अज्ञात स्थान पर युद्धाभ्यास किया। 

विशेषज्ञों ने कहा- चीन की यह पुरानी आदत
भारतीय रक्षा विश्लेषक नितिन गोखले ने ट्वीट किया, ‘‘चीन एक धारणा बनाने की कोशिश करने पर तुला हुआ है कि उसके सिपाही ऊंचाई के क्षेत्रों में लड़ाई के लिए तैयार हैं। शायद यह वह समय है कि हमें भी उनके दिमाग से खेलना चाहिए।’’
भारत के चीन विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने चेतावनी देते हुए कहा- भारत ने चीन से दोस्ती का हाथ बढ़ाया, लेकिन चीन की कम्युनिस्ट तानाशाही ने लद्दाख में आक्रामकता दिखाई। यह घटना माओ के 1962 के सैन्य आक्रमण की याद दिलाती है। भारत को सतर्क रहना चाहिए।

दोनों सेनाओं में शांतिपूर्ण तरीके से विवाद सुलझाने पर सहमति
पूर्वी लद्दाख में सेनाओं के बीच तनाव खत्म करने पर भारत और चीन के बीच शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल लेवल के सैन्य कमांडरों के बीच चर्चा हुई। रविवार को विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि अब चीन शांति से पूरे विवाद को सुलझाने के लिए तैयार है। 
बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा- दोनों पक्षों ने कूटनीतिक संबंधों की 70वीं सालगिरह को भी याद किया। इस बात पर सहमति बनी कि मसले का जल्‍द हल निकलने से रिश्‍ते आगे बढ़ेंगे।
मई में दोनों सेनाओं के बीच तीन बार झड़प हुई
भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) की लंबाई 3488 किलोमीटर की है। इसी पर दोनों देशों में विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। इसके साथ ही कई जगहों पर सीमा विवाद है।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच मई में तीन बार झड़प हो चुकी है। इन घटनाओं पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय सैनिक अपनी सीमा में ही गतिविधियों को अंजाम देते हैं। भारतीय सेना की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पार एक्टिविटीज की बातें सही नहीं हैं। वास्तव में यह चीन की हरकतें हैं, जिनकी वजह से हमारी रेगुलर पेट्रोलिंग में रुकावट आती है।

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