- न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने सोमवार को कहा कि देश में कोरोना का कोई एक्टिव केस नहीं
- 22 मई के बाद यहां कोई मामला सामने नहीं आया, अब नाइट क्लब भी खुलेंगे और रग्बी भी खेली जाएगी
दैनिक भास्कर
Jun 08, 2020, 08:28 PM IST
वेलिंग्टन. न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने सोमवार को कहा कि देश कोरोना मुक्त हो गया है। जेसिंडा के मुताबिक, उन्हें जब यह जानकारी मिली तो वह नन्ही बेटी के साथ झूम उठीं। जेसिंडा ने कहा- मुझे अपने देश और यहां के लोगों पर गर्व है। हमने एक बेहद मुश्किल जंग को मिलकर जीता। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आखिरी मरीज 50 साल की महिला थी। उसका इलाज ऑकलैंड के एक नर्सिंग होम में हुआ।
न्यूजीलैंड के लिए कोरोना से जंग आसान नहीं रही। कामयाबी का सूत्र एक ही था- सरकार की कोशिश और लोगों का समर्थन। करीब 7 हफ्ते सख्त लॉकडाउन रहा। वैसे पाबंदियां 75 दिन रहीं। इसके बाद धीरे-धीरे ढील दी गई। यात्रा संबंधी ढील दी गई तो सरकार की अपील थी- लोग अपने देश के टूरिस्ट प्लेसेस को ही तवज्जो दें। इससे सरकार की आय बढ़ेगी और लोगों का मनोरंजन भी हो जाएगा।
इस तरह हासिल मुश्किल मंजिल
न्यूजीलैंड की आबादी 50 लाख से भी कम है। फरवरी के आखिर में यहां कोरोना की आहट सुनाई दी। सरकार ने इस अदृश्य दुश्मन से जंग की तैयारी शुरू कर दी। मेडिकल एक्सपर्ट्स के साथ 4 सू्त्रीय कार्यक्रम बनाया। इसमें 43 प्वॉइंट थे। हर चरण में कुछ प्वॉइंट एक जैसे थे। इन पर सख्ती से अमल का फैसला किया गया। 7 हफ्ते का सख्त लॉकडाउन रहा। हर हफ्ते समीक्षा की गई। देश में कुल 1154 मामले सामने आए। 22 लोगों की मौत हुई। करीब तीन लाख लोगों का टेस्ट हुआ।
आगे क्या होगा?
सरकार चैन की नींद नहीं सोएगी। सतर्कता बनी रहेगी। 15 जून तक हर संदिग्ध पर नजर रखी जाएगी। उसका टेस्ट होगा। टेस्ट के पहले ही उसे आईसोलेट किया जाएगा। हेल्थ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर एश्ले ब्लूमफील्ड ने आगे की गाइडलाइन के बारे में जानकारी दी।
- निजी और सार्वजनिक यानी पब्लिक और प्राईवेट इवेंट्स हो सकेंगे। कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू किया जाएगा। ये 28 फरवरी से बंद है।
- कुछ ऐहतियात के साथ रग्बी और दूसरे खेल शुरू किए जाएंगे। दर्शक आ सकेंगे।
न्यूजीलैंड सरकार ने ‘एनजेड कोविड ट्रेसर’ एप लॉन्च किया था। यह भारत के आरोग्य एप से थोड़ा एडवांस है। इस एप ने कोरोना को कंट्रोल करने में काफी मदद की है। यदि कोई व्यक्ति ऑफिस, सार्वजनिक बिल्डिंग, दुकान या मॉल में जाता है, जो उसे बाहर ही एप से क्यूआरकोड को स्कैन करना होता है। इससे व्यक्ति की सारी जानकारी मिल जाती है।
4 अलर्ट लेवल: इनके क्या मायने
न्यूजीलैंड ने चार अलर्ट लेवल बनाए। इनमें करीब 43 प्वॉइंट थे। लेवल 1 पर खतरा सबसे कम और लेवल 4 पर सबसे ज्यादा खतरा था। इनके कुछ जरूरी प्वॉइंट इस तरह थे।
अलर्ट लेवल 4 : लॉकडाउन
- वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज पर
- लोगों को घर में ही रहना होगा, इमरजेंसी सर्विस जारी रहेंगी
- हर तरह की यात्रा पर सख्ती से रोक
- सभी सार्वजनिक स्थान बंद
- बेहद जरूरी चीजों को छोड़कर बाकी सेवाएं बंद
- स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी बंद
- सिर्फ जरूरी सर्जरी हो सकेंगी
अलर्ट लेवल 3 : रोकथाम
- कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा
- लोग घर पर रहें, बेहद जरूरी होने पर ही बाहर निकलें
- फिजिकल डिस्टेंसिंग जरूरी, इसके लिए नियम
- आईसोलेट-क्वारैंटाइन लोगों की गहन जांच और देखभाल
- वर्क फ्रॉम होम को प्राथमिकता
- सभी सार्वजनिक स्थान बंद
- ऑनलाइन मेडिकल फेसेलिटीज को तवज्जो
- शहर से बाहर जाने पर रोक
- बीमार लोग घर पर ही रहेंगे
अलर्ट लेवल 2 : खतरे का स्तर घटाना
- परिवार और दोस्तों से मिल सकते हैं, बेहद जरूरी यात्रा को मंजूरी
- स्टोर्स में 2 और ऑफिस में 1 मीटर की दूरी जरूरी
- कारोबार को सशर्त मंजूरी (नियम तय)
- कुछ खेलों को मंजूरी, रिकॉर्ड रखना जरूरी
- म्यूजियम, लाईब्रेरी और पूल खुल सकते हैं, नियमों का पालन जरूरी
- बीमार लोगों के लिए सख्त नियम और हिदायतें
- 100 लोग तक जुट सकेंगे, रिकॉर्ड जरूरी
अलर्ट लेवल 1: खतरा भांपना और उसके हिसाब से जवाबी तैयारी
- स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर रणनीति
- सीमाओं पर आवाजाही सीमित या बंद
- टेस्टिंग पर फोकस
- हर पॉजिटिव केस की फौरन कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग
- आईसोलेशन और क्वारैन्टाइन
- स्कूल और दूसरे वर्क प्लेस खुलेंगे, ऐहतियात जरूरी
- बीमार हैं तो घर में रहें
- खांसी आए तो कोहनी का सहारा लें, चेहरा बिल्कुल न छुएं
- हाथ ठीक से धोएं और सुखाएं
- कामकाज के स्थान पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का रिकॉर्ड जरूरी