- सरकार ने अपने दिशा-निर्देशों में स्वास्थ्यकर्मियों को पीपीई कीट का इस्तेमाल कम करने के लिए कहा है
- दंपती डॉक्टर ने पीपीई को लेकर सरकार के दिशा-निर्देशों से स्वास्थ्यकर्मियोंं की जान को खतरा है
दैनिक भास्कर
Jun 11, 2020, 08:17 PM IST
लंदन. भारतवंशी डॉक्टर दंपती ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की है। दंपती का कहना है कि सरकार ने महामारी के बीच डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) से जुड़ी सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान करने से इनकार कर दिया था।
डॉ. निशांत जोशी और उनकी गर्भवती पत्नी डॉ. मीनल विज ने ब्रिटेन के जन स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगते हुए अप्रैल में ही कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी थी। इस मामले को लेकर उन्होंने बुधवार को लंदन हाईकोर्ट जाने का फैसला किया। उनका मानना है कि वे अब और इंतजार नहीं कर सकते।
सरकार ने मुद्दों का निपटारा करने से इनकार किया
दंपती ने एक बयान में कहा- हम ऐसा नहीं करना चाहते थे। हमारी ऐसी कोई योजना नहीं थी। हम महामारी में काम करने वाले डॉक्टर्स हैं। हम बस लोगों की जिंदगी बचाने पर अपना ध्यान लगाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारे द्वारा उठाए जा रहे मामलों का निपटारा करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद हमें यह कदम उठाना पड़ा।
लॉ फर्म बाइंडमांस दंपती की ओर से कानूनी लड़ाई में उनका प्रतिनिधित्व कर रही है। फर्म ने कहा कि न्यायिक समीक्षा के लिए दी गई याचिका में पीपीई के संबंध में ब्रिटिश सरकार और डब्ल्यूएचओ द्वारा बताए गए दिशा-निर्देंशों के अंतर को रेखांकित किया गया है।
सरकार के निर्देश डब्ल्यूएचओ के खिलाफ
सरकार के दिशा-निर्देशों में डॉक्टर्स और मरीजों की देख-रेख कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को पीपीई कीट का इस्तेमाल कम करने और कुछ सुरक्षा कीट का दोबारा इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है। इसी दिशा-निर्देशों को दंपती ने चुनौती दी है। उनका कहना है कि ये निर्देश डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों के खिलाफ हैं। इससे स्वास्थ्यकर्मियों की जान को खतरा है।