असली हिन्दू के तीन लक्षण हैं पहला जो गऊ सेवा करता हो , दूसरा जिसका विश्वास पुनर्जन्म में हो ,तीसरा अहं ब्रम्हास्मि। जो गऊ माँ को काटते हैं उसका मांस खाते हैं, बेचते हैं वे हिन्दू नहीं बल्कि पाप के भागी हैं।गऊ को माता क्यों कहा गया? जैसे कोई लड़की ब्याही जाती है तो उसके पति की माता उस लड़की की माता होती है उसी तरह अगर हमने किसी को अपने परिवार में सम्मिलित कर लिया तो जो हम मानते हैं वही सम्मिलित व्यक्ति भी मानता है गऊ को माता हमारे सनातन धर्म ने माना है इसलिए वह हमारी भी माता है।
हमारी संसद में इस विषय पर चर्चा के लिए समय नहीं है , कहते है इस पर चर्चा से समय खराब होता है इसीलिए हमने निर्णय लिया है कि देश के हर संसदीय क्षेत्र से एक गौ भक्त को गौ सांसद के रूप में मनोनीत किया । उसे इस बात का एहसास कराया जाये कि तुम सांसद हो।अपने संसदीय क्षेत्र में गाय के बारे में काम शुरू करो। जो तुम्हारा चुना गया सांसद है वह अगर तुम्हारा सहयोग लेना चाहे तो उसका पूर्ण सहयोग करो। गाय के बारे में सारे काम अपने हाथ में ले लो
शंकराचार्य जी ने कहा कि आज देश में दो ही चीजों की जरुरत है एक गौ की दूसरी भारत की।
आज हमारे पास सिर्फ दो से ढाई करोड़ गाय बची है। अगर हम पांच वर्ष और रुक गए तो , जैसे हम कृष्ण भगवान को सिर्फ चित्र में देखते है वैसे ही गाय को भी हम सिर्फ चित्र में ही देख पाएंगे। यह बहुत कठिन समय है ,आपके पास यह अंतिम मौका है गाय को बचाने का क्योंकि जब तक हमारे पास बीज है तब तक सब कुछ बचाया जा सकता है जिस दिन बीज समाप्त हो गया , हम कुछ नहीं कर पाएंगे।
शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि गऊ भारत भारती ने गौ संरक्षण की दिशा में उत्तम कार्य किया है। जैसा इसका नाम सुंदर है वैसा ही इसका काम भी सुंदर है।