दीवार गिरने से हुई नौ बच्चों की मौत के मामले में ध्वनि नियंत्रण अधिनियम का भी पालन नहीं किया गया। दीवार गिरने का हादसा हुआ तब मौके पर तेज आवाज में डीजे बजाया जा रहा है। हादसे के बाद बच्चों के चीख-पुकार की आवाज भी डीजे की तेज आवाज में दब गई। इससे बच्चों को समय रहते मदद नहीं मिल सकी।
तेज आवाज के कारण हिलने लगी दीवार
लोगों का कहना है कि सुबह जैसे ही मंदिर समिति ने डीजे बजवाया, वैसे ही मकान का हिस्सा गिर पड़ा। हादसा की एक वजह डीजे की तेज आवाज भी थी। इससे जर्जर दीवार हिलने लगी और गिर गई।
बुजुर्ग ने सबसे पहले दी दीवार गिरने की सूचना
मौके पर मौजूद 65 वर्षीय किशोरी लाल विश्वकर्मा भी चोटिल हो गए थे। वह जब बाहर आए, तब अन्य लोगों को हादसे की सूचना लगी और बचाव कार्य शुरू हो सका। जिला अस्पताल में भर्ती किशोरी लाल विश्वकर्मा का कहना है कि स्वयं चोटिल होने के बाद भी वह स्वयं को संभालते हुए बाहर आए और लोगों को सूचना दी, तब कहीं बच्चों को दीवार के मलबे से निकालने का काम शुरू हुआ।