दोनों दोस्तों को सांप पकड़ने में महारत हासिल है और इन्हें ग्लोबल स्नेक एक्सपर्ट कहा जाता है। गोपाल और सदाइयां सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भी सांप पकड़ने के लिए जाते हैं। ये सांपों को पकड़ने के साथ दुनियाभर में लोगों को इसके बारे में जागरूक भी करते हैं।

इस साल कई गुमनाम नायकों को पद्म पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। इनमें तमिलनाडु के दो दोस्तों के नाम भी शामिल हैं और इनकी कहानी भी काफी रोचक है। इनके नाम हैं- वादिवेल गोपाल (Vadivel Gopal) और मासी सदाइयां (Masi Sadaiyan)। दोनों को इस बार पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इन्हें सामाजिक कार्य (पशु कल्याण) के क्षेत्र में पद्मश्री मिला है।
दोनों दोस्तों को सांप पकड़ने में महारत हासिल है और इन्हें ग्लोबल स्नेक एक्सपर्ट कहा जाता है। गोपाल और सदाइयां सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भी सांप पकड़ने के लिए जाते हैं। ये सांपों को पकड़ने के साथ दुनियाभर में लोगों को इसके बारे में जागरूक भी करते हैं।दुनियाभर में घूम कर सांप पकड़ने का देते हैं प्रशिक्षण
वादिवेल गोपाल और मासी सदाइयां का संबंध तमिलनाडु की इरुला जनजाति (Irula Tribe) से है, जो जहरीले सांप पकड़ने के लिए जानी जाती है। इरुला जनजाति ने देश के हेल्थकेयर इकोसिस्टम में काफी योगदान दिया है। उनके इस योगदान को सरकार भी मानती है। सांप पकड़ने में माहिर गोपाल और सदाइयां ने इसका कोई प्रशिक्षण नहीं लिया है। लेकिन दुनियाभर में घूम कर लोगों को सांप पकड़ने का प्रशिक्षण देते हैं। दोनों दोस्त सांप पकड़ने के लिए पुरानी तकनीक का ही इस्तेमाल करते हैं, जो इन्हें अपने पूर्वजों से मिली हैं।