नई दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस-वे का काम रतलाम व झाबुआ जिले में लगभग पूरा हो चुका है। गरोठ में चंबल नदी पर ब्रिज का काम अंतिम चरण में है। संभावना है कि मई में एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा। खास बात यह है कि इस एक्सप्रेस-वे पर पहले दिन से ही टोल-टैक्स लगेगा। पहले एक माह तक फ्री रखे जाने का प्रस्ताव था। नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया ने एक्सप्रेस-वे का नाम एनई-4 रखा है।गुरुवार को सचिव सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार अल्का उपाध्याय ने एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण किया।
इससे पहले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना कार्यान्वयन इकाई कार्यालय में बैठक लेकर निर्माण की समीक्षा की। एक्सप्रेस-वे के पैकेज नंबर 21, 22 व झाबुआ जिले मे निर्माणाधीन पैकेज 23 एवं 24 का निरीक्षण किया। पैकेज 21 में यात्रियों की सुविधा के लिए बनाए गए साइड अमेनिटी का भी निरीक्षण किया।दिल्ली से मुंबई तक 1380 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे का 244.5 किलोमीटर लंबा हिस्सा मध्य प्रदेश में झाबुआ, रतलाम व मंदसौर जिले में है। इसमें अब सिर्फ मंदसौर जिले के गरोठ में चंबल नदी पर ब्रिज निर्माण का काम बाकी है, जो अंतिम चरण में है। चार किमी का हिस्सा बनने के बाद काम पूरा हो जाएगा।
एक्सप्रेस वे में रतलाम जिले में 90, झाबुआ जिले में 50.95 व मंदसौर में 102 किमी लंबा हिस्सा है।सफर का समय घटेगा, बढ़ेगी सुविधाएक्सप्रेस-वे से मुंबई से दिल्ली के सफर में 12 से 13 घंटे लगेंगे। अभी करीब 22 घंटे लग जाते हैं। खास बात यह है कि रतलाम से मुंबई या दिल्ली के लिए समान रूप से छह से सात घंटे का समय लगेगा। 120 किमी की स्पीड से वाहन इस एक्सप्रेस वे पर चलेंगे और टू-व्हीलर को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
Delhi Mumbai Expressway: अब यह तैयारी
एनएचएआइ एक्सप्रेस-वे को चरणवार चालू करने की तैयारी में है। पहले चरण में दौसा से नई दिल्ली व दूसरे चरण में इससे आगे के हिस्से को शुरू किया जाएगा। मई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण कर सकते हैं।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को रतलाम जिले के बिबडौद के समीप करीब 1800 हेक्टेयर क्षेत्र में बनने वाले प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े औद्योगिक निवेश क्षेत्र से भी संबद्ध किया जाएगा। सितंबर 2021 में शहर विधायक चेतन्य काश्यप से चर्चा के बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने सैद्धांतिक सहमति दी थी। एमपीआइडीसी द्वारा प्रस्तावित 1800 हेक्टेयर के निवेश क्षेत्र में एक्सप्रेस वे के जुड़ने से निवेशक इस क्षेत्र में आकर्षित होंगे।