नई दिल्ली. केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने सड़क मार्ग से कोयले की ढुलाई पर रोक लगा दी है. इस्पात मंत्रालय के तहत एमएसटीसी (MSTC) विभिन्न सामग्रियों और खनिजों तथा खानों की ई-नीलामी करता है. यह नीलामी का छठे चरण होगा जिसके तहत 132 कोयला और नौ लिग्नाइट खदानों सहित कुल 141 ब्लॉकों को बोली के लिए रखा जाएगा. जिसकी प्रक्रिया इस जनवरी माह के अंत तक पूरी कर ली जाएगी.
इन खदानों से कोल की ट्रांसपोर्टिंग रेल या फिर कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से ही करनी होगी. इसकी शुरुआत सूबे के रायगढ़ जिले से कर दी गई है. मौजूदा ट्रेंच के तहत कोयला खदानों को निवेशक समुदाय की विभिन्न मांगों को देखते हुए चुना गया है.छठे चरण में देश के 11 राज्यों में 141 कोल ब्लॉक्स की नीलामी होगी, उनमें 28 छत्तीसगढ़ में स्थित हैं. इन 28 में से 11 खदानें रायगढ़ जिले के तमनार- घरघोड़ा ब्लॉक में हैं. जहां लंबे समय से प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनी हुई है. यहां पहले से चालू खदानों से सडक़ मार्ग से ट्रकों के जरिए कोयले की ढुलाई के कारण प्रदूषण खतरनाक स्तर पर होने के कारण एनजीटी ने 2020 में इसी क्षेत्र विशेष के लिए फैसला दिया था.एनजीटी की सिफारिश पर गठित कमेटी के सुझावों पर अमल करते हुए कोयला मंत्रालय ने तमनार और घरघोड़ा ब्लॉक की खदानों के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त यह रख दी है कि वे सड़क मार्ग से कोयले की ढुलाई नहीं करेंगे. सिर्फ रेल और कन्वेयर बेल्ट से ही ढुलाई की मंजूरी दी गई है. एनजीटी ने इन सुझावों पर अमल करने के लिए एक साल की मोहलत दी थी, जो फरवरी 2021 में ही पूरी हो चुकी है.सरकार के इस निर्णय से यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में सिर्फ और सिर्फ रेल व कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से ही कोल ट्रांसपोर्टिंग हो पाएगी. जिसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की जा रही है. कोयला खानों की सूची और कोयला मंत्रालय की ओर से प्रदान की गई प्रासंगिक अधिसूचनाओं के अनुसार नीलामी आयोजित करता है. इसके साथ ही उन्होंने बोलीदाताओं को बोली से संबंधित सभी अधिसूचनाओं को पढ़ने का सुझाव भी दिया है.