शेयर बाजार में बुधवार को भी बिकवाली का दौर जारी रहा. इस करोबारी हफ्ते के तीनों दिन शेयर मार्केट लाल निशान में ही रहा है. स्थिति पिछले हफ्ते भी कमोबेश ऐसी ही थी. शेयर मार्केट लगातार 6 सत्रों में नीचे गिरकर बंद हुआ. इस दौरान बाजार के निवेशकों की 12.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति स्वाहा हो गई.
बीएसई का सेंसेक्स आज 509.24 अंक (0.89 फीसदी) टूटकर 56598 के स्तर पर बंद हुआ. पिछले 6 सत्रों में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 28,134,219 करोड़ रुपये से घटकर 26,859,546 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इस दौरान सेंसेक्स की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 7,329,727 करोड़ रुपये से घटकर 7,011,820 करोड़ रुपये हो गया क्यों नहीं थम रही गिरावट?
जिओजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर के अनुसार, निवेशक घरेलू बाजार की उच्च कीमतों को लेकर संशय में हैं. वहीं, विदेशी निवेशक सुरक्षित स्थान की खोज में उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं से पैसा निकाल रहे हैं. उनका कहना है कि भारतीय बाजार भले ही मजबूत फंडामेंटल्स के दम पर अभी और बाजारों से बेहतर चल रहे हैं लेकिन वैश्विक मंदी की चिंता ने निवेशकों की जोखिम लेने की शक्ति को कमजोर कर दिया है. घरेलू निवेशकों को रुझान फार्मा और आईटी शेयरों की तरफ बढ़ता दिख रहा है जो पिछले साल से ही खराब दौर का सामना कर रही हैं लेकिन अब रुपये में गिरावट के कारण उन्हें फायदा मिल रहा है.
महंगाई में आ सकती है कमी
विनोद नायर का कहना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज से शुरू हो गई है. इसमें रेपो रेट में एक बार फिर 30-35 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि की जा सकती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि कमोडिटी की गिरती कीमतों के कारण संभव है कि महंगाई थोड़ी कम हो जाए. बता दें कि अगस्त में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7 फीसदी पर पहुंच गई थी. यह 8वां महीना था जब खुदरा महंगाई आरबीआई के संतोषजनक दायरे से बाहर रही थी.