तुलसीघाट पर गंगा की लहरों के बीच शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि दी गई। शंकराचार्य के कटआउट के सामने लोगों ने दीपदान कर उनके कार्यों को याद किया।
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ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को बुधवार को वाराणसी में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। गंगा तट से लेकर मुमुक्षु भवन तक आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शंकराचार्य को नमन करने के साथ ही वक्ताओं ने इसे अपूरणीय क्षति बताया। बुधवार शाम को तुलसीघाट पर गंगा की लहरों के बीच शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि दी गई। शंकराचार्य के कटआउट के सामने लोगों ने दीपदान कर उनके कार्यों को याद किया।
न्यूरोलॉजिस्ट प्रो. विजयनाथ मिश्र ने कहा कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की कमी हमेशा सनातन धर्म को महसूस होती रहेगी। इस दौरान वाचस्पति उपाध्याय, शैलेश, अजय कृष्ण चतुर्वेदी, शिव विश्वकर्मा उपस्थित रहे। अस्सी स्थित मुमुक्षु भवन में शिव काशी मंच की ओर से श्रद्धांजलि सभा में दंडी संन्यासियों व काशीवासियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की
संस्कृति के संरक्षक थे स्वामी स्वरूपानंद
गणेश शिशु वाटिका जूनियर हाई स्कूल विद्यालय परिवार की ओर से श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि स्वामी स्वरूपानंद महाराज स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही साथ हमारे धर्म एवं संस्कृति के संरक्षक थे। इस दौरान वीरेश्वर दातार, रामराज सिंह यादव, प्रवीण वसंत पटवर्धन एवं अर्चना श्रीवास्तव मौजूद रहे।