September 14, 2024 : 5:49 AM
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Bhopal News: स्‍कूल बस में बच्‍ची से दुष्‍कर्म प्रकरण के बाद यात्री वाहनों में जीपीएस, पैनिक बटन लगाने की मुहिम ने पकड़ा जोर

प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह के निर्देश पर शहर में संचालित यात्री वाहनों में पैनिक बटन व व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग सिस्टम (जीपीएस) लगने की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। ये दोनों उपकरण वाहन चालकों को 15 हजार रुपये के पड़ रहे हैं। इसका वाहन मालिक विरोध जताने लगे हैं। यात्री वाहन मालिकों का कहना है कि परिवहन विभाग ने चार एजेंसियों को ही पैनिक बटन व जीपीएस लगाने का काम दिया है। एजेंसियां मनमाने ढंग से वाहनों में पैनिक बटन व जीपीएस लगा रही हैं।

भोपाल डीजल टैंपो मालिक-चालक समिति के अध्यक्ष मोहम्मद गनी ने परिवहन विभाग के अधिकारियों से मांग की है कि जो लंबित करीब 20 एजेंसियां हैं, उन्हें भी वाहनों में पैनिक बटन व जीपीएस लगाने का काम दिया जाए। वहीं मैजिक वाहनों को पैनिक बटन व जीपीएस से मुक्त रखा जाए। मैजिक वाहन मालिक अधिक लाभ नहीं कमा पा रहे हैं, जिससे एक साथ 15 हजार रुपये देने में सक्षम नहीं हैं। वहीं आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप खंडेलवाल ने पैनिक बटन व जीपीएस लगाने की व्यवस्था का ठीक से पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि 52 सीट बसों में एक पैनिक बटन लगने से कैसे महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा होगी? बच्चे कैसे पैनिक बटन दबाएंगे? किसी महिला व बेटी के साथ बसों के पीछे कोई छेड़छाड़ होती है और पैनिक बटन ड्राइवर की सीट के पीछे लगा है तो वो कैसे पैनिक बटन दबाएंग.

 

क्यों जरूरी है पैनिक बटन व जीपीएस

 

 

स्कूल व यात्री वाहनों में महिलाओं, बेटियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं। पैनिक बटन नहीं लगे होने से पुलिस की मदद नहीं मिल पाती है। वहीं जीपीएस नहीं लगने से संबंधित वाहन की लोकेशन नहीं मिल पाती। इससे आरोपितों का पता लगाना आसान नहीं होता है। ये दोनों उपकरण लगने से महिलाओं व बेटियों को समय पर मदद मिल सकेगी। कौन से वाहन कहां हैं, उसकी करंट लोकेशन पुलिस मुख्यालय तक साफ्टवेयर के जरिए मिलेगी।

यह काम करता है पैनिक बटन व जीपीएस

 

 

यह एक लाल रंग का बटन होता है, जो ड्राइवर सीट के पीछे लगता है। खतरा महसूस होने पर कोई भी बटन दबा सकता है। बटन दबाते ही एक साफ्टवेयर पर संदेश जाएगा। पुलिस कंट्रोल रूम सूचना पहुंचेगी। साफ्टवेयर की मदद से वाहन मालिक की पूरी सूचना निकल आती है। इसके अलवा पैनिक बटन व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से भी जुड़ा होगा। इससे पुलिस को लोकेशन भी मिल जाएगी। इससे नजदीकी थाने के पास पुलिस तत्काल संबंधित वाहन को रुकवा कर यात्रियों की सुरक्षा कर सकती है

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