इंदौर के पुलिस कंट्रोल रूम परिसर में बीते दिनों हुए इंस्पेक्टर हाकम सिंह पंवार गोलीकांड में पुलिस ने अब एएसआई रंजना खांडे और कथित पत्नी रेशमा को गिरफ्तार कर लिया है. एसआईटी ने अपनी जांच में चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. उनमें से तीसरे आरोपी रंजना खांडे के भाई की चार दिन पहले संदिग्ध हालात में मौत हो चुकी है. मौत के बाद उसे आरोपी बनाया गया है.इंदौर में टीआई हाकम सिंह पंवार गोलीकांड के बाद मामले की जांच एसआईटी कर रही है. उसने इस केस में चार लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था. पुलिस ने अब उनमें से 2 महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है. इसमें एक वो महिला एएसआई रंजना खांडे है जिसे टीआई ने गोली मारी थी लेकिन वो बच गयी. इसके साथ ही एक अन्य महिला रेशमा को भी गिरफ्तार किया जो टीआई की मौत के बाद खुद को उसकी पत्नी बता रही है. पुलिस जांच में साबित हुआ है कि टीआई हाकम सिंह पंवार ने इन लोगों की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर आत्महत्या की थी. इससे पहले उन्होंने लेडी ASI रंजना खांडे को गोली मारी थी. वो बेहोश होकर गिर पड़ी थी.
महिला टीआई-कथित पत्नी कर रहे थे ब्लैकमेल
दिवंगत टीआई हाकम सिंह गोलीकांड में पुलिस ने गिरफ्तारी शुरू कर दी है. पहले टीआई की तीसरी बीवी होने का दावा कर रही रेशमा उर्फ़ जागू को गिरफ्तार किया. उसके बाद एएसआई रंजना खांडे को भी हिरासत में ले लिया है. केस दर्ज होने के बाद से सभी फरार हो गए थे. पुलिस के बड़े अधिकारियों ने एसआईटी को जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे. घटना के बाद से ही पुलिस के शक की सुई रंजना खांडे पर अटकी थी. फिर कुछ दिन पहले उसके भाई की भी संदिग्ध हालात में मौत हो जाने के बाद तो मामला और भी अधिक गंभीर हो गया था.
आरोपी फरार
पुलिस केस दर्ज हो जाने के बाद से सभी आरोपी भूमिगत हो गए थे. इस दौरान पुलिस को सूचना मिली थी की रंजना खांडे उज्जैन में छुपी है. इस सूचना के आधार पर पुलिस ने मौके पर दबिश देकर रंजना को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले पुलिस घेराबंदी करके रेशमा को भी गिरफ्तार कर लिया. तीसरे आरोपी रंजना के भाई की मौत हो गयी है और चौथा आरोपी कपड़ा व्यापारी गोविन्द जायसवाल अभी भी फरार है.
ये है मामला
भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में पदस्थ रहे थाना प्रभारी हाकम सिंह पंवार ने 24 जून को कंट्रोल रूम परिसर में रंजना खांडे ( महिला ASI ) को गोली मारने के बाद खुद को कनपटी पर गोली मार ली थी. इसमें पंवार की मौत हो गई थी, जबकि रंजना बच गयी थी. एसआईटी जांच के दौरान पाया गया कि यह सब लोग मिलकर पंवार को प्रताड़ित कर रहे थे. उनसे अक्सर पैसों की मांग की जा रही थी. उनकी कुछ तस्वीरें और वीडियो वायरल करने की धमकी दी जा रही थी. इसकी जानकारी परिवार को भी थी.
बदनाम है एएसआई रंजना खांडे
गोलीकांड में घायल रंजना खांडे का पुराना इतिहास बहुत खराब है. उस पर कई लोगों को ब्लैकमेल करने, परेशान करने और वसूली के आरोप हैं. चूंकि वह पुलिस में थी, इसलिए पीड़ितों की कभी सुनवाई नहीं हुई. पुलिस अधिकारी अब नए सिरे से उसके खिलाफ आवेदन बुलाकर जांच करवा सकते हैं. उसमें उसके खिलाफ कई और गंभीर प्रकरण दर्ज हो सकते हैं.
दो मृतकों पर केस
पुलिस इतिहास में यह भी एक अकेला ऐसा केस है, जिसमें आपस में संबंधित दो प्रकरणो में दो ऐसे लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया जिनकी मौत हो चुकी है. गोलीकांड के बाद टीआई की मौत हो गई थी, जबकि रंजना घायल थी. गोलीकांड में घायल रंजना के बयानों के आधार पर हाकम सिंह पंवार के खिलाफ हत्या की कोशिश की धाराओं में केस दर्ज किया गया था. इसके बाद उन्ही के प्रकरण में पंवार को प्रताड़ित करने के जुर्म में रंजना के भाई कमलेश के खिलाफ केस दर्ज किया था. कमलेश की भी संदिग्ध हालत में जलने से पिछले हफ्ते मौत हो गई. पुलिस अब इन दोनों ही प्रकरणों को खत्म कराने के लिए क्लोजर रिपोर्ट पेश करेगी.