बड़वानी. मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले से स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. सिरवेल ग्राम पंचायत के कंजा फल्या गांव में रहने वाली गर्भवती महिला और उसके बच्चे की लापरवाही की वजह से मौत हो गई. दरअसल, गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के बाद रात दस बजे अस्पताल ले जाना था, लेकिन सूचना मिलने के बावजूद जननी एक्सप्रेस तीन घंटे बाद रात 1 बजे पहुंची. इतना ही नहीं, गर्भवती महिला को जननी एक्सप्रेस तक ले जाने के लिए परिजनों को उसे खाट पर तीन किमी ले जाना पड़ा. घटना को लेकर एसडीएम ने बीएमओ को जांच के आदेश तो दिए हैं, लेकिन लोगों ने पंचायत चुनावों के बहिष्कार का फैसला कर लिया है.
गौरतलब है कि सिरवेल ग्राम पंचायत के कंजा फल्या गांव की शांता बाई को गुरुवार शाम प्रसव पीड़ा हुई. परिवार ने इसकी सूचना तुरंत आशा कार्यकर्ता को दी. आशा कार्यकर्ता ने जांच के बाद जननी एक्सप्रेस को बुलाने के लिए फोन लगाया. उसे बताया कि रात दस बजे पहुंच जाना. आशा कार्यकर्ता और परिवार शांता को ले जाने के लिए इंतजार करने लगे. लेकिन, बड़ी देर तक वह नहीं आई. इस बीच शांता की तकलीफ लगातार बढ़ने लगी. चूंकि, परिवार के पास महिला को ले जाने का दूसरा और कोई रास्ता नहीं था, तो सब जननी एक्सप्रेस का इंतजार करने लगे.बता दें, दस बजे पहुंचने वाली जननी एक्सप्रेस तीन घंटे देरी से रात 1 बजे पहुंची. लेकिन, जननी एक्सप्रेस गर्भवती महिला को उसके घर लेने नहीं पहुंच सकी. क्योंकि, वहां तक पहुंचेन का रास्ता ऊबड़-खाबड़ है. ये देख परिजनों ने अंधेरी रात में ही महिला को खाट पर लेटाया और पहाड़ी रास्ते से हुए जननी एक्सप्रेस तक पहुंचे. यहां से शुरू हुआ महिला को रेफर करने का सिलसिला. सबसे पहले पहिवार महिला को लेकर चाचरिया अस्पताल पहुंया. यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे सेंधवा रेफर किया. इसके बाद सेंधवा से महिला को बड़वानी रेफर किया गया. लेकिन, यहां महिला की तबीयत गंभीर हो गई और वह गर्भ में पल रहे बच्चे के साथ जिंदगी की जंग हार गई.