भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को एक बार फिर मानवता शर्मसार हुई. बैरसिया के शांतिकुंज इलाके में पड़ोसी ने 12 साल की बच्ची का अपहरण कर क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं. आरोपी ने उसका अपहरण कर उसे बेचने की तैयारी कर ली थी. आरोपियों ने उसे करीब साढ़े नौ घंटे तक टॉर्चर किया. पड़ोसियों की शिकायत के बाद पुलिस ने बच्ची को ढूंढना शुरू किया और शुक्रवार सुबह 4:30 बजे बच्ची को ढूंढ निकाला. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस घटना के बाद से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है.
जानकारी के मुताबिक, शांतिकुंज कॉलोनी में रहने वाली 12 साल की बच्ची कपड़े सिलवाने के लिए टेलर के पास गई थी. तभी पड़ोसी नर्मदा प्रसाद जाटव ने सुनसान गली देखकर बच्ची का अपहरण कर लिया. आरोपी ने बच्ची के हाथ-पैर बांधकर प्लास्टिक की बोरी में बंद कर दिया. बच्ची ने चिल्लाने की कोशिश की तो उसे करंट लगाया और इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया. आरोपी नर्मदा ने इस काम में अपने रिश्तेदार राजकुमार की भी मदद ली. दोनों ने बच्ची को बेचने की पूरी तैयारी कर ली थी.पुलिस ने बताया कि कुछ लोग शांतिकुज से थाने आए और बच्ची के गुमशुदा होने की एफआईआर दर्ज कराई. उन्होंने शिकायत में बताया कि गुरुवार शाम जब बच्ची गायब हो गई तो पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया. बच्ची के माता-पिता ने और पड़ोसियों ने रातभर बच्ची को तलाश किया, लेकिन वह नहीं मिली. आखिरकार माता-पिता हारकर पुलिस थाने आए. पुलिस ने बताया कि जांच के बीच जब पुलिस पड़ोसियों से पूछताछ कर रही थी तब एक महिला ने बताया था कि नर्मदा के घर के किसी बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी थी.
इस तरह पकड़ में आए आरोपी
इसके बाद पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी खंगाले. इसमें मुख्य आरोपी नर्मदा प्रसाद जाटव और उसका साथी राजकुमार बाइक पर जाते दिखे. उसके बाद पुलिस ने उनसे कड़ी पूछताछ की तो सारा राज खुल गया. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपहरण, हत्या का प्रयास और पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है. बता दें, आरोपी नर्मदा बच्ची के घर के सामने ही किराए के मकान में रहता है. 20 दिन पहले शांतिकुंज में आया था. वह स्वास्थ्य केंद्र में सभी को योग सिखाता है. जब कॉलोनी के सभी लोग बच्ची को ढूंढ रहे थे, तब नर्मदा भी सभी के साथ उसे ढूंढने का नाटक कर रहा था.