प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन की अध्यक्षता करना खुशी की बात है। बीते 15 सालों में ब्रिक्स देशों ने कई सफलताएं हासिल की हैं। ब्रिक्स देशों से भरपूर सहयोग मिला। कोरोना के संकट के समय सभी साथ मिलकर काम किया। कंधे से कंधे मिलाकर महामारी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत किया। आइए जानते हैं पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें…
विकासशील देशों के लिए यह मंच अहम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक शानदार उदाहरण हैं। विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी रहा है। कि ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ पर इस सम्मेलन की अध्यक्षता करना मेरे और देश के लिए खुशी की बात है। आज की इस बैठक के लिए हमारे पास विस्तृत एजेंडा है।
भारत की थीम ब्रिक्स देशों की साझेदारी का आधार
उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और उपयोगी बनकर उभरे। भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए जो थीम चुनी है, वह इसी प्राथमिकता की ओरश इशारा करती है। हमारी थीम है- ब्रिक्स @15: निरंतरता, समेकन और आम सहमति के लिए अंतर-ब्रिक्स सहयोग’। कोऑपरेशन फॉर कंटीन्यूटी, कॉन्सॉलिडेशन एंड कंसेन्सस- यही चार सी (4C) ब्रिक्स देशों की साझेदारी का आधार है।
नवंबर में जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे
पीएम मोदी ने कहा कि यह भी पहली बार हुआ कि ब्रिक्स ने मल्टीलिटरल सिस्टम्स की मजबूती और सुधार पर एक साझा स्टैंड लिया है। हमने ब्रिक्स काउंटर टेरिरज्म एक्शन प्लान को भी माना है। हाल ही में पहले ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ सम्मेलन का आयोजन हुआ। तकनीक की मदद से स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए यह एक अहम कदम है। नवंबर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे।