आपकी भविष्य निधि या प्रॉविडेंट फ़ंड पर टैक्स लगने का सिलसिला शुरू हो गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में एलान किया था कि प्रॉविडेंट फ़ंड खाते में सालाना ढाई लाख रुपए से ऊपर की रकम जमा हुई तो उसके ब्याज पर अब टैक्स लगेगा.
हालांकि बाद में इस पर सफ़ाई आई और बताया गया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए और जिन कर्मचारियों के खाते में उनके इंप्लॉयर की तरफ़ से कोई पैसा जमा नहीं किया जाता उन्हें सालाना पां लाख रुपए तक की रकम पर टैक्स से छूट मिलेगी.
जिस दिन से यह एलान हुआ तभी से इस पर तरह तरह के सवाल उठ रहे थे.
क्या-क्या थे सवाल
- सबसे बड़ा सवाल तो यह था कि आख़िर इस टैक्स का हिसाब कैसे लगेगा?
- एक ही पीएफ़ अकाउंट में कितनी रकम पर टैक्स लगेगा और कितनी पर नहीं, इसे तय करने का फ़ॉर्मूला क्या होगा?
- एक साल तो समझ में आ जाएगा, लेकिन उसके बाद अगले साल किस रकम पर कितने ब्याज तक टैक्स से छूट मिलेगी और कितने के बाद टैक्स लगाया जाएगा?
- इन सबसे बड़ी शंका यह भी थी कि कहीं सरकार आख़िरकार पीएफ़ की रकम पर पूरी तरह टैक्स लगाने की तैयारी ही तो नहीं कर रही है?
अभी आख़िरी सवाल का जवाब मिलना तो बाकी है. लेकिन टैक्स विभाग ने इतना साफ़ कर दिया है कि यह टैक्स वसूला कैसे जाएगा.