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किसानों को मजबूत बना रही सरकार: दोहराया 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा, नई तकनीकों को प्रयोगशाला से खेतों तक लाने में जुटी

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नई दिल्ली10 मिनट पहले

कॉपी लिंककेंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के कृषि मंत्रियों की छठी बैठक को संबोधित करते हुए - Dainik Bhaskar

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के कृषि मंत्रियों की छठी बैठक को संबोधित करते हुए

सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की प्रतिबद्धता एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर दोहराई है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार खेती के लिए लगातार नई तकनीक अपनाने पर जोर दे रही है। वह प्रयोगशाला में तैयार खेती-किसानी की चीजों को व्यवहारिक रूप से लागू करने की पहल कर रही है।

खेती-किसानी से जुड़ी महिलाओं और ग्रामीण युवाओं को सशक्त बनाने में जुटी है सरकार

तोमर ने कहा कि सरकार कई तरह की पहल के जरिए किसानों, खेती-किसानी से जुड़ी महिलाओं और ग्रामीण युवाओं को सशक्त बनाने में जुटी है। यह बात उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के कृषि मंत्रियों की छठी बैठक में कही।

कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन कोविड-19 के दौरान भी अच्छा रहा, निर्यात में हुई खासी बढ़ोतरी

केंद्रीय कृषि मंत्री ने ताजिकिस्तान के दुशांबे में (SCO) के सदस्य देशों के कृषि मंत्रियों की बैठक को वर्चुअल तरीके से संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन कोविड-19 के दौरान भी अच्छा रहा है। उसने खाद्यान्न उत्पादन के साथ-साथ वैश्विक खाद्य सुरक्षा में योगदान किया और निर्यात में खासी बढ़ोतरी हासिल की है।

पोषक तत्वों से भरपूर किस्में तैयार करने में जुटी है भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद

तोमर ने गरीबी-भुखमरी खत्म करने के अलावा खाद्य सुरक्षा और पोषण का लक्ष्य हासिल करने में भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कुपोषण दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर पोषक तत्वों से भरपूर जैव-प्रबलीकृत किस्में (बायोफोर्टिफाइड) तैयार करने में जुटी हुई है।

इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, जैविक खेती और जल संसाधनों का समुचित उपयोग बढ़ाने की कवायद

गौतरलब है कि भारत ने युनाइटेड नेशंस के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (FAO) की स्थापना के 75 साल पूरे होने के अवसर 17 जैव-प्रबलीकृत किस्में भी जारी की थी। तोमर ने बताया कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और जैविक खेती के अलावा जल संसाधनों का समुचित उपयोग बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।

फर्टिलाइजर के संतुलित उपयोग के साथ मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने पर हो रहा काम

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सिंचाई के लिए नया बुनियादी ढांचा तैयार करने, फर्टिलाइजर के संतुलित उपयोग के साथ मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने, किसानों की उपज को खेत से बाजार तक पहुंचाने का रास्ता बनाने, डिजिटल लिंकेज पर भी काम किया गया है।

भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली और किसानों के लिए एमएसपी वाला सिस्टम बेजोड़

तोमर ने कहा कि भारतीय कृषि ने सफलता के कई पायदान चढ़े हैं। भारत की हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, नीली क्रांति, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और किसानों के लिए एमएसपी वाला सिस्टम बेजोड़ है। यह नीति-निर्माताओं की दूरदर्शिता, कृषि वैज्ञानिकों के कौशल और किसानों की कड़ी मेहनत का नतीजा है कि देश अपनी जरूरत से ज्यादा खाद्यान्न उपजाने लगा है। भारत अनाज, फल, सब्जियों, दूध, अंडे और मछली जैसे कई खाद्य का दुनियाभर में अग्रणी उत्पादक है।

फूड सप्लाई चेन को सामान्य बनाए रखने के लिए देशों में सहयोग बने रहना जरूरी

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कोविड का असर खाद्य सुरक्षा और सप्लाई चेन पर लंबे अरसे तक रह सकता है। इसलिए खाद्य और पोषण सुरक्षा के साथ ही फूड सप्लाई चेन को सामान्य बनाए रखने के लिए देशों के बीच घनिष्ठ संपर्क और सहयोग बने रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत विकासशील देशों को फूड सिक्योरिटी के मामले में आत्मनिर्भर बने रहने में मदद करता रहेगा।

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