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Hindi NewsHappylifePeanut Cancer Connection; Jyada Mungfali Khane Ke Nuksan Kya Hai? All You Need To Know
एक घंटा पहले
कॉपी लिंकइंग्लैंड की लिवरपूल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का दावाकहा, मोमफली खाने से कैंसर के मरीजों की हालत और बिगड़ सकती है
कैंसर के मरीजों में मोमफली ज्यादा खाने की आदत से इसके फैलने का खतरा बढ़ता है। यह दावा इंग्लैंड की लिवरपूल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने अपनी स्टडी में किया है। वैज्ञानिकों का कहना है, मोमफली में पीनट एग्लुटिनीन (PNA) नाम का प्रोटीन पाया जाता है। यह प्रोटीन शरीर में दो ऐसे मॉलिक्यूल (IL-6 और MCP-1) को रिलीज करने में मदद करता है जो कैंसर को पूरी बॉडी में फैला सकते हैं।
ऐसे बढ़ता है कैंसर फैलने का खतराकार्सिनोजेनेसिस जर्नल में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, मोमफली खाने के बाद पीनट एग्लुटिनीन नाम का प्रोटीन ब्लड में मिलकर पूरे शरीर में सर्कुलेट हो जाता है। यह प्रोटीन ब्लड के जरिए ट्यूमर्स तक पहुंचकर इन्हें शरीर के दूसरे हिस्से में फैलने के लिए दबाव डालता है। इस प्रोटीन के कारण कैंसर कोशिकाएं आपस में चिपकने लगती हैं और शरीर के दूसरे हिस्से में फैलने की कोशिश करती है।
मौत का खतरा कितना, यह पता नहीं चल पायालिवरपूल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर लू-गैंग यू का कहना है, मोमफली कैंसर के मरीजों में मौत का खतरा कितना बढ़ाती है, इसका पता नहीं चल पाया है।
कैंसर के ऐसे मरीज जिन्होंने एक दिन में 250 ग्राम मोमफली खाई उनमें खतरा अधिक देखा गया। वैज्ञानिकों का कहना है, ऐसे खतरों से बचने के लिए एक दिन में इंसान को 28 ग्राम तक मोमफली ही खानी चाहिए।
कैंसर के मरीज इसे खाने से बचेंरिसर्चर लू-गैंग यू के मुताबिक, यह एक हैरान करने वाली खबर है, लेकिन सच है। अगर कैंसर के मरीज मोमफली ज्यादा खाते हैं तो उनकी हालत और बिगड़ सकती है। कैंसर के मरीजों को बार-बार या अधिक मोमफली खाने से बचना चाहिए, ताकि खतरे को कम किया जा सके।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, PNA को पचा पाना शरीर के लिए मुश्किल होता है। एक मोमफली में उसके वजन के 0.15 फीसदी तक ये प्रोटीन होता है।
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