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- Hindi Panchang And Its Facts In Hindi, Thithi And Facts, Due To The Moon, The Timing Of The Dates Is Decided, The Duration Of All The Dates Is Different.
6 घंटे पहले
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हिन्दी पंचांग में तिथियों की अवधि अलग-अलग रहती है। तिथियों का समय चंद्र की स्थिति पर निर्भर करता है। भोपाल की खगोलविद् सारिका घारू के अनुसार अमावस्या तिथि पर सूर्य और चंद्र के बीच का अंतर जीरो डिग्री रहता है। इसके बाद करीब 24 घंटों में चंद्र आगे बढ़ता है और ये अंतर 24 डिग्री हो जाता है।
चंद्र को 12 डिग्री होने में जो समय लगता है, उसे तिथि कहा जाता है। चंद्र को 12 डिग्री होने में कभी 24 घंटे से ज्यादा समय लगता है और कभी कम समय लगता है। चंद्र सूर्य की परिक्रमा अंडाकार पथ पर करता है। इस कारण सूर्य और चंद्र के बीच की दूरी एक समान नहीं रहती है, ये दूरी घटती-बढ़ती रहती है।
सूर्य और चंद्र के बीच असमान दूरी की वजह से चंद्र को 12 डिग्री होने के लिए कभी ज्यादा चलना पड़ता है और कभी कम चलने पर ही चंद्र 12 डिग्री हो जाता है। इसलिए तिथि की अवधि कभी 24 घंटे से अधिक होती है, कभी 24 घंटे से कम। आमतौर पर एक तिथि की अवधि अधिकतम 26 घंटे और कम से कम 19 घंटे के बीच हो सकती है।
सूर्योदय के समय जो तिथि होती है, वही तिथि पूरे दिन मानी जाती है। भले ही सूर्यादय के कुछ मिनट बाद ही अगली तिथि आ रही हो, अगर किसी तिथि की अवधि 24 घंटे से अधिक है और वह सूर्यादय से कुछ देर पहले ही शुरू हुई है और वह अगले दिन सूर्यादय के बाद भी जारी रहेगी तो अगले दिन भी वही तिथि मानी जाती है।
इस बार सावन माह में कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि (30 और 31 जुलाई) दो दिन रहेगी। इसे तिथि वृद्धि कहते हैं। अगर किसी तिथि की अवधि 24 घंटे से कम है और वह सूर्यादय के बाद शुरू हुई और अगले दिन सूर्यादय से पहले ही खत्म हो जाए तो इसे तिथि क्षय कहते हैं। सावन में कृष्ण पक्ष की द्वितिया और शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का क्षय हो रहा है।