April 16, 2024 : 2:42 PM
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कछुआ-पैंगोलिन के तस्करों को सजा:13 अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करों को 7-7 साल की जेल और जुर्माना; मलेशिया, थाइलैंड और बैंकॉक में करते थे सप्लाई

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सागर8 घंटे पहले

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तस्करी के आरोपियों को कोर्ट ले जाती पुलिस। - Dainik Bhaskar

तस्करी के आरोपियों को कोर्ट ले जाती पुलिस।

दुर्लभ लाल तिलकधारी कछुआ और पैंगोलिन के शल्क की अंतरराष्ट्रीय तस्करी में सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विवेक पाठक ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तस्कर गैंग के सरगना समेत 13 आरोपियों को 7-7 साल की कैद सुनाई है। वहीं, केस में 10 विदेशी आरोपी फरार हैं। इसके अलावा, केस में पहले पकड़े गए आरोपी नंदलाल की मौत हो चुकी है। शासन की ओर से पैरवी अभियोजन अधिकारी सुधा विजय सिंह भदौरिया ने की। फैसले के दौरान तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश और मप्र की जेलों में बंद आरोपियों को पुलिस लेकर कोर्ट पहुंची थी।

अभियोजन अधिकारी ब्रजेश दीक्षित ने बताया, दुर्लभ वन्यजीवों की तस्करी में कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने तस्कर गैंग का सरगना आरोपी मन्नीवन्नन मुरूगेशन निवासी चेन्नई को 7 साल के कारावास और 5 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।

वहीं, आरोपी थमीम अंसारी निवासी चेन्नई, तपस बसाक, सुशीलदास उर्फ खोखा, मो. इरफान, मो. इकरार निवासी कोलकाता, रामसिंह उर्फ भोला, अजय सिंह निवासी आगरा को 7-7 साल की जेल और 50-50 हजार जुर्माना और आरोपी आजाद, संपतिया बाथम, कमल बाथम, विजय गौड़, कैलाशी उर्फ चच्चा को 7-7 साल के कारावास और 20-20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। वन्यजीव तस्करी मामले में अभियोजन ने कोर्ट में 2500 पेश की चार्ज शीट पेश की थी। मामले में 27 गवाह पेश किए गए।

मलेशिया, सिंगापुर, बैंकॉक जैसे शहरों में करते थे सप्लाई
टीम ने तस्करी के मुख्य सरगना मन्नीवन्नन मुरूगेशन निवासी चेन्नई, थमीम अंसारी निवासी चेन्नई, मो. इरफान, तपस बसाक, सुशीलदास उर्फ खोखा, मो. इकरार निवासी कोलकाता, अजय सिंह निवासी आगरा, आजाद, रामसिंह उर्फ भोला, संपतिया बाथम, कमल बाथम, विजय गौड़ और कैलाशी उर्फ चच्चा निवासी मुरैना को पकड़ा गया।

पूछताछ में सामने आया, लालतिलकधारी कछुए, पैंगोलिन आरोपी अजय निवासी आगरा वन्यजीवों को अलग-अलग माध्यमों से चेन्नई निवासी थमीम अंसारी व मो. इरफान निवासी कोलकाता को भेजता था। आरोपी मो. इरफान कोलकाता के वनगांव स्थित बांगलादेश बाूर्डर के माध्यम से वन्यजीवों को म्यांमार के रास्ते मलेशिया, सिंगापुर, बैंकॉक, थाईलैंड आदि देशों में पहुंचाता था। बाहर विदेशों में डीलिंग मन्नीवन्नन करता था। इसी प्रकार जब वन्यजीव एकत्र कर आरोपी अजय निवासी आगरा द्वारा आरोपी थमीम अंसारी निवासी चेन्नई के पास भेजे जाते थे। फिर वहां से जलमार्ग से श्रीलंका के रास्ते उन्हे विदेशों में मोटी कीमतों पर बेचते थे।

4 साल पहले वन्यजीव तस्करी का हुआ था खुलासा
अभियोजन अधिकारी दिनेश सिंह चंदेल ने बताया, वन विभाग की राज्य स्तरीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल को गुप्त सूचना तंत्र से यह जानकारी मिली थी, बड़े स्तर पर वन्यजीव लालतिलकधारी कछुए और पैंगोलिन के शल्क की तस्करी अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गिरोह बनाकर की जा रही है। मुखबिर ने बताया था, चंबल नदी व देवरी ईको सेंटर से लालतिलकधारी कछुए निकाल कर उनकी तस्करी की जा रही है।

सूचना पर राज्य स्तरीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल ने क्षेत्रीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स सागर के साथ मिलकर संयुक्त दल गठित कर कार्रवाई शुरू की। 5 मई 2017 को ग्राम मौगियापुरा वन परिक्षेत्र सबलगढ़ में टीम ने आरोपी नंदलाल के घर दबिश दी। जहां से दुर्लभ वन्यप्राणी पैंगोलिन के शल्क बरामद किए गए थे। पूछताछ में तस्करी के नेटवर्क का खुलासा हुआ। इसके बाद टीम ने एक के बाद एक 14 तस्करों को दबोचा।

न्यायालय परिसर में तैनात रहा भारी पुलिस बल।

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