- Hindi News
- International
- Cyber Attacks Increased Due To The Trend Of Paying Ransom In Cryptocurrency, Know How They Are Being Used For Recovery
33 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
बिटकॉइन में दी गई फिरौती को तथाकथित क्रिप्टोकरंसी मिक्सर के माध्यम से तेजी से चलाया जा सकता है।
दुनिया में रैनसमवेयर का इस्तेमाल सायबर हमले करने के लिए बढ़ा है। साथ ही हैकर्स को फिरौती देने के लिए क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ रहा है। क्योंकि क्रिप्टोकरंसी में कारोबार डिजिटल रूप में गुमनाम तरीके से किया जा सकता है। इसी वजह से यह फिरौती वसूली का प्रमुख औजार बनकर उभरा है।
साइबर अपराध में क्रिप्टो का इस्तेमाल कैसे होता है?
किसी कंपनी या संगठन को रैनसमवेयर हमले का पता तब चलता है, जब उनकी व्यावसायिक वेबसाइट डाउन हो या सिस्टम एक्सेस नहीं हो रहा हो। फिरौती ईमेल से मांगी जाती है। इसमें बिटकॉइन का पता होता है। जब कंपनी सिस्टम को दोबारा एक्सेस करना शुरू करे, तब भुगतान तब करना होता है।
क्या क्रिप्टोकरंसी अपराधियों को आकर्षित करती है?
बेशक। क्रिप्टोकरंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है। बिटकॉइन में दी गई फिरौती को तथाकथित क्रिप्टोकरंसी मिक्सर के माध्यम से तेजी से चलाया जा सकता है। एक अन्य विकल्प क्रिप्टो एक्सचेंज के माध्यम से फिरौती के भुगतान को एक अलग क्रिप्टोकरंसी में बदलना है।
इस तरह कितनी वारदात हुई हैं?
रैनसमवेयर हमले 2020 में शुरू हुए। तब पीड़ितों ने 3000 करोड़ रुपए की फिरौती चुकाई। ब्लॉकचेन विश्लेषक फर्म चैनानालिसिस इंक के अनुसार, इस साल मई तक पीड़ितों ने 600 करोड़ रु. चुकाए हैं।
बिटकॉइन से पहले साइबर अपराधी फिरौती कैसे लेते थे?
वेस्टर्न यूनियन, प्रीपेड गिफ्ट कार्ड, बैंक खातों में फिरौती भेजी जाती थी। कुछ मामलों में तो बताई गई जगह पर डफल बैग में नकदी भरकर पहुंचाई गई।
क्या क्रिप्टोकरंसी में किए गए भुगतान का पता लगा सकते हैं?
हां, बिटकॉइन लेनदेन गुमनाम होने के बावजूद दिख सकते हैं। किसी विशेष बिटकॉइन वॉलेट को ट्रैक करने वाला कोई व्यक्ति नकदी के प्रवाह को जान सकता है। लेकिन वाॅलेट में पैसे तक पहुंचने के लिए एक प्राइवेट की व पासवर्ड की जरूरत होती है।
क्या कोई साइबर हमले की फिरौती विफल हुई है?
हां। यूएस फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) ने रूस से जुड़े रैनसमवेयर ऑपरेशन में अमेरिका की सबसे बड़ी गैसोलीन पाइपलाइन कंपनी कॉलोनियल द्वारा फिरौती में दिए गए 75 बिटकॉइन में से 63.7 की वसूली कर ली है।
क्या इस पर कोई कार्रवाई या नियम बनाना संभव है?
व्यवस्था आ सकती है। अप्रैल में सुरक्षा और प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा बनाई गई रैनसमवेयर टास्क फोर्स ने एक रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि सरकारें साइबर हमलों से कैसे रक्षा करें। इसमें सरकारों से केवाईसी, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण (सीएफटी) कानूनों का विस्तार करने का आग्रह किया गया था।
खबरें और भी हैं…